गणेश चतुर्थी के दिन घर ले आएं इस रंग के गणेश जी, पति-पत्नी में कभी नहीं होगा झगड़ा
13 सितंबर को गणेश चतुर्थी का पर्व हैं| इस दिन गणेश जी स्थापना करने पर व्यक्ति का सारी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं| लेकिन इस कुछ खास रंग और सूंड वाले गणेश जी को घर लाने से जीवन में आ रही तमाम तरह की समस्या दूर हो जाएंगी| आइए जानते हैं कि गणेश चतुर्थी के दिन किस रंग के गणेश जी को लानी चाहिए|
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(1) गणेश जी की सूंड तीन तरह की होती हैं| पहली दायीं, दूसरी बायीं और तीसरी सीधी होती हैं| इन तीनों के मिश्रण वाले गणेश जी को महागणपति कहते हैं|
(2) गणेश जी के दाईं ओर सूंड को अत्यंत शुभ माना जाता हैं| गणेश जी के सूंड दायीं ओर होने की वजह से ये सूर्य नाड़ी को दर्शाता हैं|
(3) दायीं ओर सूंड वाले गणेश जी को सिद्धि विनायक का अवतार माना जाता हैं| इनके इस अवतार की पुजा हमेशा रेशमी वस्त्र पहन कर करनी चाहिए|
(4) गणेश जी इस स्वरुप की पुजा करने से व्यक्ति पराक्रमी एवं बलशाली बनता हैं| इसके अलावा व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा भी मिलती हैं|
(5) दक्षिणमुखी गणेश जी को मंदिरों में पुजा करने के लिए बेहतर माना जाता हैं| इन्हें मोदक का भोग लगाने से व्यक्ति की सारी मनोकामना पूरी होती हैं|
(6) बायीं सूंड वाले गणेश जी को वाममुखी कहा जाता हैं| इनके इस रूप को वक्रतुंड भी कहा जाता है| ये चन्द्रनाड़ी के प्रतीक होते हैं|
(7) गणेश जी के इस स्वरूप को शांत और शीतल माना जाता हैं| इसलिए गणेश जी के इस स्वरूप को घर पर रखने के लिए शुभ माना जाता हैं| जो ग्रहस्थ हैं उन्हें गणेश जी के इस स्वरूप की पुजा करनी चाहिए| इससे पति-पत्नी के संबंध मधुर होते हैं|
(8) दक्षिणमुखी गणेश जी की पुजा में कई नियमों का पालन करना पड़ता हैं जबकि वाममुखी गणेश जी के पूजन में ज्यादा नियमों का पालन नहीं करना पड़ता हैं|
(9) सीधी सूंड वाले गणेश जी मोक्ष के प्रतीक माने जाते हैं| गणेश जी के इस स्वरूप की पुजा साधू और सन्यासियों के लिए उपयुक्त माना जाता हैं|
(10) गणेश जी के लाल स्वरूप को विघ्नहर्ता माना जाता हैं| इनके इस स्वरूप की पुजा करने से व्यक्ति के जीवन की सारी समस्याएँ दूर हो जाती हैं| इसलिए गणेश चतुर्थी को सिंदूर के रंग वाली गणेश जी की मूर्ति स्थापित करे|