Whatsapp ने सरकार को दिया झटका, संदेश कहाँ से आया नहीं दे सकता इसकी जानकारी
Whatsapp से दरख्वास्त कर रही थी कि
फेक न्यूज़ कहाँ से भेजा जा रहा और कौन इसे भेजता है उसके बारे में हमे जानकारी उपलब्ध कराएं ताकि हम ऐसे संदिग्ध लोगों पर कड़ी कारवाई कर सकें। लेकिन व्हाट्सएप्प ने अपने यूजर की निजता की सुरक्षा का वास्ता देते हुए सरकार को ऐसे किसी भी शख्स की जानकारी उपलब्ध कराने से मना कर दिया।
Whatsapp का कहना है कि हम एन्ड टू एन्ड नीति पर काम करते हैं, जिसका मतलब होता है कि सोर्स से लेकर डेस्टिनेशन तक मैसेज एनकोडेड होता है वो गंतव्य पर जाकर ही डिकोड किया जा सकता है ताकि यूज़र्स को मैसेज पढ़ने में कोई परेशानी न हो। व्हाट्सएप्प के अनुसार सभी यूजर अपनी बहुत ही निजी बातें जैसे -बैंक खाता डीटेल आदि एक दूसरे के साथ साझा करते हैं और हम ऐसा कोई भी सॉफ्टवेयर उपलब्ध नहीं करा सकते जिससे यूजर की निजता का हनन हो।
कैसे आएगी फेक न्यूज की सच्चाई
हालांकि Whatsapp के हेड क्रिस डेनियल जो की पाँच दिनों की यात्रा पर भारत आए हुये हैं ने सरकार को यह आश्वाशन दिया है कि हम भारतीय यूजर को जागरूक करेंगे ताकि फेक न्यूज़ के फैलाव में कमी कि जा सके और लोग न्यूज़ की सच्चाई जानने के बाद ही किसी न्यूज़ को आगे बढ़ाएँ।
भारत विश्व में Whatsapp का सबसे बड़ा बाज़ार है और आगामी आम चुनाव के मद्देनजर सरकार की नजर व्हाट्सएप्प पर बनी हुयी है ताकि किसी भी तरह की अफवाहों से बचा जा सके। सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने क्रिस डेनियल से मुलाक़ात कर व्हाट्सएप्प को भारत में भी एक कॉर्पोरेट ऑफिस खोलने की अपील की है ताकि संदेशों के मूल का पता लगाने में आसानी हो। इसके अलावा एक शिकायत अधिकारी की नियुक्ति की भी बात की गयी है।
भारत सरकार की तरफ से अब तक व्हाट्सएप्प को दो बार नोटिस भेज कर जानकारी मांगी जा चुकी है कि उसने फर्जी सूचनायों के प्रसार पर रोक लगाने के लिए अब तक क्या उपाय किए हैं। जिसके जवाब में व्हाट्सएप्प ने कहा कि हम भारत में एक स्थानीय टिम तैयार कर रहे हैं साथ ही ऐसा फिचर लॉंच किया है जिसमें एक मैसेज 5 लोगो से ज्यादा को नहीं भेजा जा सकता। व्हाट्सएप्प ने अपनी तरफ से सरकार को आगे फर्जी न्यूज़ से होने वाली परेशानी और घटनाओं में कमी लाने के लिए आश्वस्त किया है।