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Dandiya Raas : यहां होता है अनोखा डांडिया रास, महिलाओं का वेश धारण कर पुरुष खेलते हैं गरबा, वजह है बेहद दिलचस्प

Dandiya Raas : नवरात्रि आते ही गुजरात में डांडिया-रास (Dandiya Raas) की धूम है। गुजरात के सभी इलाकों में गरबा खेलते युवक-युवतियां दिखाई दे रहे हैं, लेकिन आज हम आपको गुजरात के एक ऐसी जगह ले चल रहे हैं जहां सिर्फ पुरुष ही गरबा खेलते हैं वो भी विशेष साज सज्जा के साथ। बता दें कि, गुजरात (Gujrat) के वडोदरा में नवरात्रि (Navratri) के पहले से ही गरबे के आयोजन के लिए तैयारियां शुरू हो जाती है। लेकिन यहां का Dandiya Raas सबसे अलग होता है, जिसे देखकर आपको भी विश्वास नहीं होगा। तो चलिए जानते आखिए ऐसा क्या खास है यहां के डांडिया रास में…

Dandiya Raas की खास बातें

वैसे तो आमतौर आपने लड़कियों को सज सवंकर डांडिया-रास (Dandiya Raas) करते देखा होगा, लेकिन गुजरात के वडोदरा में स्थित अंबा माता मंदिर (Amba Mata Mandir) में पुरुष वर्ग महिलाओं की तरह श्रृंगार कर गरबा खलेने निकलते है। इतना ही नहीं पुरुषों में इसे लेकर काफी उत्साह भी देखने को मिलेगा, वो बढचढ़ कर इसमें हिस्सा लेते है। अब आप सोच रहे होंगे कि पुरुष को इस तरह गरबा खलेने की क्या जरूरत वो तो सामान्य वेशभूषा में भी तो खेल सकते है। तो चलिए इसके पीछे का भी कारण बताते है।

Dandiya Raas

पुरुषों के गरबा खेलने के पीछे का कारण

बता दें कि गुजरात में अंबा माता मंदिर में नवरात्रि की अलग ही धूम देखने को मिलती है। यहां पुरुष द्वारा महिलाओं का रुप धारण कर गरबा खेलने के पीछे का कारण है यहां की सदियों पुरानी परंपरा। जिसका पुरुष सदियों से निर्वहन करते आ रहे हैं। बता दें कि ये नजारा अपने आप में काफी अनोखा होता है, जब एक तरफ सभी पुरुष साड़ी- लहंगा पहनकर गरबा खेल रहे होते हैं, तो वहीं दूसरी ओर कुछ महिलाएं झरोखे में बैठे हुए गीत गाती है।

Dandiya Raas

400 सालों से चली आ रही परंपरा

बता दें कि पिछले 400 सालों से इस मंदिर में पुरुष ही गरबा खेलते आ रहे हैं। वहीं पौराणिक कथाओं के अनुसार जब वड़ोदरा मे गायकवाड़ से पहले इस्लामी शासकों का शासन था तब स्त्रियों को परदे में रहना पड़ता और माता की पूजा के लिए पुरुष ही स्त्री का वेश धारण कर के यहां गरबा खेला करते थे।

Dandiya Raas

मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा

वैसे यहां महिलाएं भी शामिल रहती है, लेकिन Dandiya Raas पुरुषों द्वारा ही किया जाता है। महिलाएं इस जश्न में में शामिल होकर मंदिर में गाना-बजाना करती हैं। वहीं अंबाजी माता मंदिर की बात करें तो यह गुजरात का काफी प्राचीन मंदिर है, जो प्रमुख धार्मिक स्थलों में से है। बता दें कि यह मंदिर मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में भी शामिल है। इस मंदिर को इसलिए भी अद्धभुत माना जाता है क्योंकि यहां मूर्ती के बजाए आपको बेहद ही पवित्र श्री यंत्र को पूजा जाता है। इतना ही नहीं इस यंत्र की पूजा भक्तों को आंखों पर पट्टी बांधकर करनी होती है।

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