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जिसके जीवन पर आधारित थी फ़िल्म 3 इडियट्स, उन्हें मिला रेमन मैगसेसे पुरस्कार

जिसके जीवन पर आधारित थी फ़िल्म 3 इडियट्स, उन्हें मिला रेमन मैगसेसे पुरस्कार

आपकी जानकारी के लिए बताते चलें की रेमन मैगसेसे अवार्ड फाउनडेशन ने वर्ष 2018 के इस पुरस्कार के 6 विजेताओं के नाम घोषित कर दिए हैं और गर्व की बात ये है की इन विजेताओं में भारत के 2 नागरिकों- भरत वटवाणी और सोनम वांगचुक का नाम इस वर्ष के रेमन मैगसेसे पुरस्कार के विजेताओं में शामिल किया गया है।

जिसके जीवन पर आधारित थी फ़िल्म 3 इडियट्स, उन्हें मिला रेमन मैगसेसे पुरस्कार

बता दें कि वटवाणी मानसिक रूप से बीमार बेसहारा व्यक्तियों के लिए काम करते हैं। वहीं वांगचुक ने आर्थिक प्रगति के लिए विज्ञान और संस्कृति का इस्तेमाल करने की पहल ने लद्दाखी युवकों के जीवन में सुधार किया।

इस वजह से किया जायेगा पुरस्कृत

वटवाणी मुम्बई में रहते हैं वो और उनकी पत्नी ने 1988 में श्रद्धा रिहैबिलिटेशन फाउंडेशन की स्थापना की। इसका उद्देश्य सड़क पर रहने वाले मानसिक रूप से बीमार लोगों को मुफ्त आश्रय, भोजन और मनोरोग उपचार मुहैया कराना तथा उन्हें उनके परिवारों से मिलाना है।

वांगचुक के जीवन से प्रभावित होकर ‘3 ईडियट्स’ फिल्म बनी थी। उनकी पहचान उत्तर भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में आर्थिक प्रगति के वास्ते विज्ञान एवं संस्कृति का उपयोग करने को लेकर रचनात्मक रूप से स्थानीय समाज के सभी क्षेत्रों को सकारात्मक रूप से लगाने के उनके कार्य के लिए की गई है।

जिसके जीवन पर आधारित थी फ़िल्म 3 इडियट्स, उन्हें मिला रेमन मैगसेसे पुरस्कार

अन्य विजेताओं के नाम

इसके साथ ही इस पुरस्कार के अन्य विजेताओं में युक चांग (कंबोडिया), मारिया डी लोर्ड्स मार्टिंस क्रूज (पूर्वी तिमोर), होवर्ड डी (फिलिपिन) और वी टी होआंग येन रोम (वियतनाम) शामिल हैं। इन सभी विजेताओं को औपचारिक रूप से 31 अगस्त, 2018 को फिलीपींस के सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक कार्यक्रम में यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

इस फाउंडेशन के अध्यक्ष कारमेनसिता एबेला ने कहा, ”विजेता स्पष्ट रूप से एशिया की उम्मीद के नायक हैं, जिन्होंने अपने प्रयासों से समाज को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा, ‘वंचित और हाशिये पर रहने वाले लोगों के साथ वास्तव में एकजुटता दिखाते हुए इनमें से प्रत्येक ने वास्तविक और जटिल मुद्दों का साहसी, रचनात्मकता और व्यावहारिक कदमों से समाधान किया है, जिससे अन्य वैसा ही करने में लगे।”

बताते चलें कि रेमन मैगसेसे अवार्ड फाउनडेशन की स्थापना सन् 1957 में फिलीपींस के तीसरे राष्ट्रपति की स्मृति में की गई थी और इस पुरस्कार का नाम उनके नाम पर रखा गया है, यह पुरस्कार “एशिया का नोबेल” के रूप में भी जाना जाता है।

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