बेहद शक्तिशाली व पवित्र है इस मंत्र का उच्चारण, जानें क्या है इसकी महिमा और महत्व
हमारें हिन्दू धर्म मे ॐ का उच्चारण करना बहुत ही पवित्र और प्रभावशाली होता हैं, बताया जाता हैं कि ॐ में तीन देवों की उपस्थिति मानी जाती हैं जिसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश। अ+उ+म इन तीनों का समावेश होता हैं ॐ में, इन तीनों अक्षरों में ‘अ’ वर्ण सृष्टि का सूचक हैं, ‘उ’ वर्ण स्थिति का घोतक हैं जबकि ‘म’ वर्ण लय को दर्शाता हैं, इसलिए जब हम ॐ मंत्र का उच्चारण करते हैं तो हम एक साथ तीनों शक्तियों का आवाहन कर रहे होते हैं। शास्त्रों में बताया गया हैं कि ॐ का उच्चारण करने से सभी पापों का नष्ट हो जाता हैं और सुख-समृद्धि भी प्राप्त होती हैं।
बेहद प्रभावशाली है इस मंत्र का उच्चारण
ॐ का उच्चारण करने से, इसको याद करने से और इसका ध्यान लगाने से हमारी आत्मा का ब्रह्म से सम्बंध हो जाता हैं सभी मंत्र, यज्ञ में दी जाने वाली आहुतियां, सहस्त्र पूजा पाठ इत्यादि में शुरुआत ॐ से की जाती हैं।
ॐ सर्वशक्तिमान हैं
शिवपुराण में ये बताया गया हैं कि भगवान शिव ने खुद कहा था कि ॐ एक अति शुभ और मंगल करने वाला मंत्र हैं, शिव जी ने ये भी कहा कि मेरे मुख से सबसे पहले ॐ की उत्पत्ति हुई हैं और ॐ मेरे स्वरूप का बोध कराता हैं। ॐ शिवजी का ही स्वरूप हैं, महादेव के अनुसार ॐ का प्रतिदिन उच्चारण करना उनके उच्चारण करने के समान होता हैं। उत्तरवर्ती मुख से आकार का, पश्चिम मुख से उकार का, दक्षिण मुख से मकार का, पूर्ववर्ती मुख से बिंदु और मध्यवर्ती मुख से नाद की उत्पत्ति हुई थी।
पांच अवयवों से मिलकर एक प्रणव बना जिसका नाम ॐ हो गया, इस मंत्र को शिव और शक्ति दोनों का बोधक माना गया हैं, सभी धर्मों और शास्त्रों का स्त्रोत्त ॐ हैं। गीता ज्ञान देते समय भगवान श्री कृष्ण ने आठवें अध्याय में ये बताया हैं कि जो व्यक्ति अपने मन के द्वारा प्राण को मस्तक में स्थापित करके, योगधारण में स्थित होने के बाद व्यक्ति ॐ का उच्चारण करता हैं और निर्गुण ब्रह्म का चिंतन करते हुए अपनी देह का त्याग करता हैं तो वो व्यक्ति परम गति प्राप्त कर लेता हैं।
यह भी पढ़ें : जानें क्या है सिंदूर लगाने का सही तरीका, इसकी सहायता से कैसे मिलेगा मुसीबतों से छुटकारा
ॐ का उच्चारण सुख शांति के लिए
सुख शांति की प्राप्ति के लिए भी ॐ का उच्चारण किया जाता हैं, ॐ में असीमित शक्ति और संपन्नता विद्यमान हैं, ॐ शब्द ब्रह्म स्वरूप शब्द हैं इसलिए इसके प्रतिदिन उच्चारण से, ध्यान करने से व्यक्ति को अनेक रोगों और दुःखो से मुक्ति मिलती हैं इसके अलावा व्यक्ति को धन-ऐश्वर्य और सुख-संपति प्राप्त होती हैं। अपने शरीर को स्वस्थ रखने और मन को शांत रखने के लिए प्रतिदिन ॐ के उच्चारण करना चाहिए।