भारत का एक ऐसा मंदिर जहां नहीं की जाती हैं पूजा, सच्चाई जानकार आपको भी होगी हैरानी
मंदिर का नाम आते ही हमारे मन में यह भाव उठता हैं कि यह पुजा-अर्चना का स्थल हैं, लेकिन हम ये कहें कि हमारे भारत में एक ऐसा मंदिर भी हैं जहां पुजा-अर्चना नहीं की जाती हैं तो यह बात सुनकर थोड़ा आपको अजीब लगे, लेकिन यह बात सच हैं| असल में हिन्दू धर्म को मनाने वाले हर इंसान के घर में मंदिर होता है और हर कोई भगवान की पुजा अपने हिसाब से करता हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाले हैं जंहा पर भगवान की पूजा नहीं की जाती हैं।
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यह मंदिर पुरी में स्थित हैं, जहां पर भगवान जगन्नाथ की पूजा नहीं की जाती है। ऐसी मान्यता है कि जब भगवान विष्णु अपने चारों धामों की यात्रा पर गए थे, तब उन्होंने हिमालय की ऊंची चोटियों पर बने अपने धाम बद्रीनाथ में स्नान किया था और इसके बाद पश्चिम में गुजरात के द्वारिका में वस्त्र धारण किये थे| इसके बाद वह पुरी में निवास करने लगे और वो जगन्नाथ बन गए| आपको यह बात सुनकर थोड़ा हैरानी हो रही होगी कि चारों धामों में से एक धाम यानि जगन्नाथ मंदिर में पूजा नहीं होती है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भगवान जगन्नाथ भगवान विष्णु का ही रूप हैं|
हम आपको बता दें कि जगन्नाथ धाम चार धामों में से एक है| इस जगह पर भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान है। इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और बहन सुभद्रा की मूर्तियां काष्ठ की बनी हुई हैं| जिसकी वजह से यहां 12 साल में सिर्फ एक बार प्रतिमा का नया कलेवर किया जाता है| लेकिन इनका आकार वैसा ही रहता हैं| ऐसा कहा जाता है कि इन मूर्तियों की पूजा नहीं की जाती बल्कि मूर्तियां यहा केवल दर्शन के लिए रखी गई हैं।