ये हैं वो पेन जो आपको बार बार दिलाते हैं बचपन की याद
जब हम लोग बचपन में स्कुल पढने के लिए जाते थे तो हमे पेन से लिखने के लिए सख्त मनाही होती थी और पेन्सिल से लिखना बस एक मजबूरी थी। बचपन में आपकी भी यह बड़ी चाहत रही होगी कि आपको पेन से लिखना है लेकिन स्कुल में टीचर और घर में माँ-बाप के सख्त मनाही के कारण बचपन में पेन से लिखने की चाहत अधूरी रह जाती थी। बचपन में पेन से लिखने की चाहत इसलिए रहती थी क्योकि हम ये साबित कर सके कि अब हम बच्चे नहीं बड़े हो गए हैं।
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जब ना ही घर वाले और ना ही स्कूल के टीचर पेन से लिखने देते थे तो हम चोरी छुपे कभी जाकर भाई या बहन की पेन चुरा लिया करते थे। जिसके लिए मार भी पड़ती थी लेकिन बचपन ने पेन से लिखने का इतना जुनून सवार था कि पिटने के बावजूद भी दोबारा वही हरकत करते थे। लेकिन वो दिन आ ही गया जब पेन से लिखने की परमिशन स्कुल के टीचर ने दे दी और पेन से लिखने की तमन्ना पूरी हो गई। फिर क्या था एक के बाद एक कई पेन प्रयोग किये। महंगी-सस्ती और रंग बिरंगी सभी तरह की पेन खरीदने लगे। तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे ही पेन के बारे में बताते हैं जो हमारे बचपन की यादों को तरो-ताजा करती है।
बचपन में दोस्तों के सामने रौब झाड़ने के लिए अक्सर पायलेट पेन सभी की पहली पसंद होती थी। इससे दोस्तों में भी अलग पहचान बनती थी।
ज्यादा लिखने के लिए बचपन में सबकी पसंद रिनॉल्ड पेन थी, जो एग्जाम के समय में बहुत ही भरोसेमंद पेन थी।
अपने कॉपी को बचपन में अलग अलग तरह के रंगों से भरने का काफी शौक था, जिसके लिए चार रंगों वाला पेन सभी की पहली पसंद थी। एक ही पेन में चार रंगो में चलते की खासियत इस पेन को सभी पेनो से शानदार बनती है।
सबसे ज्यादा यूज किया जाने वाला पेन सेलो का क्या कहना इस पेन की रबर वाली ग्रिप उंगलियों को बहुत अच्छी लगती थी, जिनसे हाथो में दर्द नही होता था।