इस गर्मी आखिर क्यों बाज़ार से गायब है रूह अफ़्जा, सामने आई असल वजह
गर्मी तो आ चुकी है और लोग भी अपनी पसंदीदा ड्रिंक्स का स्वाद लेने को तैयार है, वैसे तो बजार मे कोल्ड ड्रिंक्स के बहुत से विकल्प है लेकिन गुलाब के फ्लेवर वाला शरबत रूह अफ़्जा हमेशा से लोगो का पसंदीदा रहा है। लेकिन इस बार गर्मी के आने के बाद भी रूह आफ्ज़ा बाजार से ग़ायब है और लोग इस बात से हैरान भी है। गर्मी शुरू होते ही टीवी और अखबार में रूह-आफ्ज़ा का विज्ञापन दिखने लगता था लेकिन इस बार वो भी गायब है। आपको तो याद ही होगी रूह आफ्ज़ा के कमर्शियल की धुन जरा घुलके.. जरा मिलके.. ये है इंडिया मेरी जान.. जिंदगी का टेस्ट बदलता है, जब इंडिया घुलता-मिलता है, रूह अफजा घुलके जियो। गर्मियों के मौसम में चाहे जो भी अवसर हो कोई त्यौहार, शादी या फिर किसी का जन्मदिन रूह- आफ्ज़ा सबकी पहली पसंद होता है।
जब हमने इस बात की जड़ में जाने की कोशिश की तो पता चला की रूह- आफ्ज़ा बनाने वाली कंपनी हमदर्द के मालिको के बीच कुछ विवाद हो गया है। इस विवाद का सीधा असर रूह-अफ़ज़ा के प्रोडक्शन पर पढ़ रहा है। दिल्ली और दिल्ली एनसीआर के आलावा उत्तर भारत के कई शहरों से रूह अफ़ज़ा, बाज़ार में न होने की ख़बर सबसे पहले आयी। बाज़ार में दूकानदरो का कहना है कि ज़्यादा डिमांड और ऑर्डर देर होने के बाद भी कंपनी अभी तक सप्लाई नहीं कर रही है, जिससे लोगो को लग रहा की ज़रूर ही कुछ गड़बड़ चल रही है।
रूह अफ़्जा के ना मिलने की कंपनी ने बताई ये वजह
कंपनी के निजी मामलो में लेकिन हमदर्द कंपनी ने इस खबर को सिरे से नकार दिया है और कहा है की जल्द ही बाज़ार में रूफ-आफ्ज़ा उपलब्ध कराया जायेगा। हमदर्द कंपनी का कहना है कि प्रोडक्शन प्लांट में कुछ टेक्निकल खराबी के कारण उत्पादन रोक दिया गया था जिसके ठीक होने के बाद से ही उत्पादन तेज़ी से चालू है। रूह- आफ्ज़ा कब तक बाजार में उपलब्ध होगा इस पर कंपनी का कहना था की एक हफ्ते में रूफ आफ्ज़ा की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी।
आपको बता दे हमदर्द कंपनी की शुरुआत 1906 में हकीम हाफिज अब्दुल माजिद ने दिल्ली में की थी। अब्दुल माजिद के बाद उनके बेटे हकीम अब्दुल हमीद ने 15 साल की उम्र में कंपनी का पदभार संभाला और अब उनके बेटे ने हमदर्द कंपनी को संभाल रहे हैं। रूह आफ्ज़ा के आलावा हमदर्द कंपनी के और भी कई प्रोडक्टस जैसे सफी, रोगन बादाम शिरीन, जोशीना और चिंकारा बाजार में उपलब्ध हैं लेकिन आज भी हर घर की पहली पसंद रूह- आफ्ज़ा ही है।
भारत के साथ ही साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी रूह आफ्ज़ा को काफी पसंद किया जाता है और इसकी डिमांड हमेशा ही रही है।
गर्मियों के आलावा रूह-आफ्ज़ा की डिमांड रमज़ान के महीने में भी बहुत ज़्यादा होती है, लोग इसे सहरी के और इफ्तारी में शौक से पीते है। तो उम्मीद यही है की रमज़ान के महीने में लोग रूफ आफ्ज़ा का आनंद ले सकेंगे।