सोमवती अमावस्या 2019: चतुर्ग्राही योग में करेंगे ये काम तो होंगे मालामाल, भूल से भी न जाएं इस जगह
किसी भी महीने में सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता हैं और इस साल सोमवती अमावस्या 4 फरवरी को पड़ रहा हैं| आपकी जानकारी के लिए बता दें की यह व्रत खास तौर से पूर्वजों के तर्पण के लिए जाना जाता है और आपको यह भी बताते चलें की इस दिन के व्रत का लाभ पाने के लिए व्यक्ति को पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनि मंत्र का जाप करना चाहिए। बताया जाता है की इस दिन व्रत-उपवास रखकर पीपल के पेड़ के चारों ओर 108 बार परिक्रमा करते हुए भगवान विष्णु तथा पीपल वृक्ष की पूजा करनी चाहिए।
बता दें की की सोमवती अमावस्या का व्रत मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा किया जाता है और इस व्रत को करने के दौरान महिलाएं पीपल के वृक्ष के चरो तरफ 108 बार परिक्रमा करने के दौरान 8 प्रदक्षिणा पीपल के वृक्ष को कच्चा सूत लपेटते हुए की जाती हैं और प्रदक्षिणा करते समय 108 फल पृथक रखे जाते है। बाद में वो भगवान का भजन करने वाले ब्राह्मणों या ब्राह्मणियों में बाँट दिये जातेहै, ऐसा करने से संतान दीर्घायु होते हैं|
सोमवती अमावस्या का महत्व
आपकी जानकारी के लिए बता दें की पुराणों के मुताबिक अमावस्या के दिन स्नान-दान करने की परंपरा है और इस दिन गंगा-स्नान का विशिष्ट महत्व होता है लेकिन जो लोग गंगा स्नान करने नहीं जा पाते, वे किसी भी नदी या सरोवर तट आदि में स्नान कर सकते हैं तथा भगवान शिव माता पार्वती और तुलसी जी का पूजन कर सोमवती अमावस्या का लाभ प्राप्त सकते हैं।
इस दिन मौन व्रत को धारण करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और ऐसा माना जाता है कि पीपल के मूल में भगवान विष्णु, तने में शिव जी तथा अग्रभाग में ब्रह्माजी का निवास स्थान होता है, स्नान के बाद एक लोटा सूर्य देव को जल अवश्य दे| दरअसल इस दिन पीपल के पूजा से शौभाग्य की प्राप्ति होती हैं| इसके अलावा जिन लोगों की जन्म कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, वो लोग गाय को दही और चावल खिलाएं।
पर्यावरण की दृष्टि से भी सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने का विधान माना गया है और यदि इस दिन पवित्र नदी में स्नान ना कर सके तो घर पर ही स्नान कर ले और अपने पितरों को एक लोटा जल अर्पित करे| आप इस दिन अपने पितरों को दूध का भी अर्पण कर सकते हैं और यदि उसमें काला तिल, देशी घी डालकर पितरों को अर्पित किया जाए तो व्यक्ति मालामाल होता हैं|
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इस जगह ना जाए
सोमवती अमावस्या के दिन श्मशान घाट, कब्रिस्तान या फिर उसके आस-पास ना जाए| हालांकि यदि आप तांत्रिक पूजा करते हैं तो सुरक्षा कवच के साथ जाये| दरअसल उस दिन नकारात्मक शक्तियाँ सक्रिय रहती हैं और ये लोगों पर अपना कब्जा जमा लेती हैं| खास कर जो लोग मानसिक रूप से कमजोर होते हैं और यदि आप भावनात्मक रूप से भी कमजोर हैं तो नकारात्मक शक्तियाँ आपके ऊपर बहुत जल्दी हावी हो सकती हैं|