जानें, सेना के जवान आखिर क्यों करते हैं इन सीक्रेट कोड्स का इस्तेमाल | Secret Codewords
आपने कई फिल्मों में सेना के जवानों को कई तरह के कोड वर्ड्स का इस्तेमाल करते हुए जरूर देखा होगा जैसे कि चार्ली, ब्रवो, अल्फा। सेना में इस तरह के कोड वर्ड्स का इस्तेमाल हकीकत में भी किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते कि सेना में इस तरह के सीक्रेट कोड्स का इस्तेमाल क्यों किया जाता है अगर नहीं तो हम आपको बताएंगे कि सेना में इस तरह के कोडवर्ड्स का इस्तेमाल क्यों किया जाता है।
खास वजह है इन सीक्रेट कोड्स को यूज करने की
आप सभी को यह तो पता ही होगा कि सेना के जवान दूसरे सैनिकों से बात करने के लिए सेटेलाइट फोन का इस्तेमाल करते हैं लेकिन सैनिक कभी कभी ऐसी जगहों पर तैनात होते हैं जहां पर इन फोन के सिग्नल बहुत कम आते हैं और इस वजह से सैनिकों को आपस में बात करने में काफी परेशानी होती है। सिग्नल की कमी होने की वजह से कई बार कुछ ठीक से सुनाई नहीं देता या फिर कुछ सब एक जैसे सुनाई देते हैं जैसे की इंग्लिश के अल्फाबेट बी और वी।
जब हम अपने किसी दोस्त या जानने वाले से फोन पर बात कर रहे होते है और सामने वाले व्यक्ति को अपना पता, नाम या कुछ और बता रहे होते हैं तो इस तरह की दिक्कत हमारे साथ भी होती है और हम सामने वाले व्यक्ति को कुछ समझाने के लिए एक टेक्निक का इस्तेमाल करते हैं जिसमें हम उसे एम से मुंबई डी से दिल्ली यह कहकर समझाने की कोशिश करते हैं।
एक छोटी सी गलती और गेम ओवर
तभी सामने वाला यह समझ पाता है कि हम क्या बोलने की कोशिश कर रहे हैं। दोस्तों इस तरह की गलती सेना के जवानों से युद्ध के समय भी हो सकती है और युद्ध में एक छोटी सी गलती भी काफी खतरनाक साबित हो सकती है तो बस इस तरह की समस्या से बचने के लिए इन कोड वर्ड्स को बनाया गया है। कोड वर्ड्स में बात करने के लिए सैनिकों के लिए अंग्रेजी के हर अल्फाबेट का एक कोड वर्ड बनाया गया है और इन वर्ड को फोनेटिक अल्फाबेट कहा जाता है।
दोस्त ये मिलिट्री कोड किसी को भी किसी उद्देश्य के लिए दिए जा सकते हैं। साथ ही कुछ कोड मिलते जुलते भी हो सकते हैं लेकिन इन कोड का मतलब अलग होता है। ऐसा इसलिए किया जाता है अगर दुश्मन बात को किसी तरह सुन भी ले तो उसे समझ ना आए कि क्या बात हो रही है। लेकिन अब इन कोड वर्ड्स का इस्तेमाल एविएशन इंडस्ट्री में भी किया जाने लगा है।