अपने बच्चों की सलामती के लिए कल करें संतान सप्तमी का व्रत, शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
इस दुनिया में संतान सुख सबसे बड़ा सुख माना जाता हैं और हर माँ-बाप अपने बच्चो के लिए हर दुख सहकर उन्हें बड़ा करते हैं, उन्हें हर मुसीबत से बचाते हैं| एक माँ अपने बच्चे के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती हैं| इसलिए बच्चो की सलामती के लिए भादों माह के शुक्लपक्ष की सप्तमी को संतान सप्तमी का व्रत किया जाता है, यह व्रत संतान की प्राप्ति, उसकी कुशलता और उन्नति के लिए किया जाता है, इस व्रत को माता-पिता दोनों ही कर सकते हैं| इस साल यह व्रत 5 सितंबर 2019 को बृहस्पतिवार के दिन किया जाएगा| इस व्रत में भगवान शिव एवं माता पार्वती के पूजन का विधान होता है और संतान प्राप्ति के लिए संतान सप्तमी का व्रत विशेष महत्व रखता है|
संतान सप्तमी की पूजा विधि
संतान सप्तमी के दिन सुबह जल्दी उठे, नित्य क्रिया करके स्नान करे और फिर साफ वस्त्र धारण करे| अब भगवान शिव और माता पार्वती के सामने प्रणाम करे और फिर व्रत का संकल्प ले| अब अपने व्रत की शुरुआत करें और निराहार रहते हुए शुद्धता के साथ पूजन का प्रसाद तैयार करे। प्रसाद के लिए खीर-पूरी व गुड़ के 7 पुए या फिर 7 मीठी पूरी तैयार कर लें, आप यह सब दोपहर तक कर ले| अब पूजा के लिए चौक बना ले और इसके ऊपर चौकी रखे, चौकी रखने के बाद उसके ऊपर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति रखे|
अब कलश की स्थापना करे, कलश में पत्तों के साथ नारियल रखें और दीपक जलाएं, अब आरती की थाली तैयार कर लें, इस थाली में कुंकुम, चावल, कपूर, हल्दी, फूल, कलावा आदि सामग्री रखें| इसके बाद 7 मीठी पूड़ी को केले के पत्ते में बांधकर उसे पूजा में रखें और फिर संतान की रक्षा व उन्नति के लिए प्रार्थना करते हुए पूजा करे, पूजा करते हुये भगवान शिव को कलावा अर्पित करें। इस व्रत को माता-पिता दोनों ही अपने संतान के लिए कर सकते हैं|
पूजा करने के बाद धूप-दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करे, अब संतान सप्तमी की कथा सुने या पढ़ें, कथा पढ़ने के बाद संतान कथा की पुस्तक की पूजा करे| पूजा करने के बाद आप व्रत खोले, व्रत खोलने के लिए पूजन में चढ़ाई मीठी सात पूड़ी या पुए खाएं| इस व्रत को करने से संतान की आयु लंबी होती हैं| इतना ही नहीं इस व्रत को करने और विधि-विधान पूजा करने से मनचाहा वरदान मिलता हैं| इसलिए हर माता-पिता को संतान सप्तमी का व्रत करना चाहिए|