शिवपुराण में बताए हैं 14 प्रकार के रुद्राक्ष, जानें कौन से रूद्राक्ष पहनने से मिलता है क्या फल
अक्सर जब भी रुद्राक्ष की बात आती हैं तो सबसे पहले हमारे जुबान पर भगवान शिव का ही नाम आता हैं क्योंकि रुद्राक्ष के बिना भोलेनाथ का श्रृंगार अधूरा माना जाता है। आपको बता दें की रुद्राक्ष को भोलेनाथ आभूषण के रूप में धारण करते हैं इसलिए रुद्राक्ष उनके भक्तों को भी प्रिय होता है। रुद्राक्ष की धार्मिक मान्यता तो हैं ही इसके साथ ही इसके पहनने से हृदय संबंधित बीमारियां, तनाव, चिंता, ब्लड प्रेशर आदि को भी नियंत्रित करता हैं| शिवपुराण की विद्येश्वर संहिता में रुद्राक्ष के 14 प्रकारो के बारे में बताया गया हैं। रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इसके धारणा करने की विधि के बारे में अवश्य जान ले|
हालांकि रुद्राक्ष को हमेशा पहना जा सकता हैं मगर ऐसी भी मान्यता है की किसी के अंतिम संस्कार में या फिर किसी नवजात शिशु के जन्म लेने पर इसे धारण नहीं करते हैं। मान्यता हैं कि यह एक उच्च ऊर्जा का संवाहक है इसलिए इसे ऐसे स्थानों में पहनना उचित नहीं हैं| ऐसा कहा जाता है की अशुद्ध या मिट्टी लगे हाथों से रुद्राक्ष को कभी भी स्पर्श नहीं करना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण बात ये की हमेशा रूद्राक्ष को अपने मेहनत के पैसे से ही खरीदें|
यदि आप रुद्राक्ष मनका पहनते हैं तो फिर आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा की आपको मांसाहार और मदिरा आदि से हमेशा के लिए दूर रहना चाहिए। ध्यान देने वाली बात ये है की रुद्राक्ष सोमवार या गुरुवार को ही पहनना चाहिए साथ ही साथ प्रतिदिन इसकी साफ-सफाई करे, सफाई के बाद, पवित्र जल से मोतीयों को धो लें।
आइये जानते हैं शिवपुराण के अनुसार कितने प्रकार के होते हैं रुद्राक्ष
(1) एक मुखी रुद्राक्ष
जानकरी के लिए बता दें की एक मुखी रुद्राक्ष को भोलेनाथ का स्वरूप माना जाता है, जिस जगह इसकी पूजा की जाती है, उस स्थान से धन की देवी माँ लक्ष्मी कभी भी दूर नहीं जातीं। इसे धारण करते वक्त आप ‘ऊं ह्रीं नम:’ मंत्र का जाप करे|
(2) दो मुखी रुद्राक्ष
बता दें की दो मुखी वाले रुद्राक्ष को देव देवेश्वर के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है की जो भी व्यक्ति इसे धारण करता है उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती है, इसे धारण करने के लिए ‘ऊं नम:’ मंत्र का जाप करे|
(3) तीन मुखी रुद्राक्ष
इसके अलावा तीन मुखी वाले रुद्राक्ष को सफलता दिलाने वाला माना जाता है, ऐसा कहा जाता है की विद्या अर्जित करने के लिए यह रुद्राक्ष बहुत ही ज्यादा विशेष होता है। तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए ‘ऊं क्लीं नम:’ मंत्र का जाप करे|
(4) चार मुखी रुद्राक्ष
चार मुखी रुद्राक्ष को ब्रह्मा का स्वरूप माना जाता है। इसके दर्शन तथा स्पर्श से धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे धारण करने के लिए ‘ऊं ह्रीं नम: ‘मंत्र का जाप करें|
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(5) पंचमुखी रुद्राक्ष
पंचमुखी रुद्राक्ष कालाग्नि रुद्र का स्वरूप है। इसको धारण करने से अद्भुत मानसिक शक्ति का विकास होता है। इसको धारण करने के लिए ‘ऊं ह्रीं नम:’ मंत्र का जाप करे|
(6) छ: मुखी रुद्राक्ष
छ: मुखी रुद्राक्ष को भगवान कार्तिकेय का स्वरूप माना जाता है। इसको पहनने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इसे धारण करने के लिए ‘ऊं ह्रीं हुं नम:’ मंत्र का जाप करे|
(7) सात मुखी रुद्राक्ष
सात मुखी रुद्राक्ष को अनंग नाम से भी जाना जाता है। इसको धारण करने से व्यक्ति धनवान बनाता हैं| इसे धारण करने के लिए ‘ऊं हुं नम:’ मंत्र का जाप करे|
(8) अष्टमुखी रुद्राक्ष
अष्टमुखी रुद्राक्ष को अष्टमूर्ति भैरव का स्वरूप माना जाता है, ऐसा माना जाता है की इसको पहनने वाले व्यक्ति की आयु में वृद्धि होती हैं| इसको धारण करने के लिए ‘ऊं हुं नम:’ मंत्र का जाप करे|
(9) नौमुखी रुद्राक्ष
नौमुखी रुद्राक्ष भैरव व कपिलमुनि का प्रतीक है, इसको पहनने से गुस्से पर नियंत्रण रहता हैं और ज्ञान की भी प्राप्ति होती है। इसे धारण करने के लिए ‘ऊं ह्रीं हुं नम:’ का मंत्र जाप करे|
(10) दस मुखी रुद्राक्ष
दस मुखी रुद्राक्ष को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। इसे धारण करने वाले मनुष्य की हर तरह की इच्छाएं पूरी होती हैं, इसको धारण करने के लिए ‘ऊं ह्रीं नम:’ मंत्र का जाप करना चाहिए|
(11) ग्यारह मुखी रुद्राक्ष
ग्यारह मुखी वाला रुद्राक्ष रुद्र का स्वरूप होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की जो भी इसे धरण करता है उसकी कभी भी हार नहीं होती हैं, इसे धारण करने के लिए ‘ऊं ह्रीं हुं नम:’ मंत्र का जाप करे|
(12) बारह मुखी रुद्राक्ष
ऐसा माना जाता है की बारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से इज्जत, शोहरत, पैसा इत्यादि चीजों में कभी भी कोई कमी नहीं होती हैं, इसे धारण करने के लिए ‘ऊं क्रौं क्षौं रौं नम:’ मंत्र का जाप करे|
(13) तेरह मुखी रुद्राक्ष
तेरह मुखी रुद्राक्ष को विश्वदेवों का स्वरूप माना गया है और शास्त्रों के अनुसार बताया गया है की इसे धारण करने वाले व्यक्ति को सौभाग्य और मंगल लाभ प्राप्त होता है, इसे धारण करने के लिए ‘ऊं ह्रीं नम:’ मंत्र का जाप करे|
(14) चौदह मुखी रुद्राक्ष
चौदह मुखी रुद्राक्ष को परम शिवरूप माना जाता है। माना जाता है की जो भी व्यक्ति इसे धारण करता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते है, इसे धारण करने के लिए ‘ऊं नम:’ मंत्र का जाप करे|