Ram Mandir Bhoomi Pujan: कैसे और आखिर क्यों किया जाता हैं भूमि पूजन? यहां देखें सामग्री की पूरी लिस्ट
Youthtrend Religion Desk आखिरकार वो दिन आने वाला हैं जिसका इंतजार बहुत से लोग काफी लंबे समय से कर रहें थे, हम बात कर रहें हैं अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण का, आगामी 5 अगस्त को भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में बनने वाले श्री राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह में शामिल रहेंगे।
हमारें हिंदू धर्म में किसी भी तरह के निर्माण से पहले भूमि पूजन का विशेष महत्व होता हैं, भूमि पूजन की ये परंपरा तो काफी सदियों पुरानी हैं और आज भी इस रिवाज का अच्छे से पालन किया जा रहा हैं इसका जीता-जागता उदाहरण हैं श्रीराम मंदिर निर्माण से पहले भूमि पूजन। आज के इस लेख में हम आपकों ये बताने जा रहें हैं कि क्यों और कैसे किया जाता हैं भूमि पूजन, इसके अलावा भूमि पूजन के लिए क्या सामग्री चाहिए होती हैं वो भी बताएंगे।
शास्त्रों में बताया गया हैं कि क्यों किया जाता हैं भूमि पूजन
हमारें पुराणों और धर्मग्रंथों में भूमि या धरती को मां का दर्जा दिया गया हैं, भूमि सारी दुनिया की जननी हैं, इसे पूरी सृष्टि का पालनहार माना जाता हैं, ये भी कहा गया हैं कि कभी भी भूमि पर किसी तरह का निर्माण शुरू करने से पहले भूमि पूजन अवश्य किया जाना चाहिए, भूमि पूजन करने से कभी भी निर्माण कार्य में किसी तरह की दिक्कतें नहीं आती हैं। भूमि पूजन करते समय हम धरती मां से भूमि संबंधित सभी दोषों को दूर करने के लिए प्रार्थना की जाती हैं ताकि निर्माण कार्य में किसी तरह की समस्या ना आए, इसके अलावा भूमि पूजन के द्वारा भूमि भी पवित्र हो जाती हैं।
किस प्रकार किया जाता हैं भूमि पूजन, जानिए भूमि पूजन की विधि
हमें जिस भूमि का पूजन करना होता हैं सबसे पहले उस भूमि को अच्छी तरह से धो कर साफ कर लीजिए, इसके बाद जो ब्राह्मण भूमि पूजन करवाता हैं उसे उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके पालथी मार के बैठना चाहिए और जातक का मुंह पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। अगर जातक विवाहित हो तो उसकी पत्नी को उसके बाईं तरफ बैठना चाहिए, गणेश भगवान की पूजा के साथ भूमि पूजन शुरू किया जाता हैं, इसके अलावा भूमि पूजन में चांदी के नाग और कलश की भी पूजा की जाती हैं अब एक कलश में दूध, दही, घी, सिक्का और सुपारी डाल दीजिए और शेषनाग का आव्हान कीजिए।
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कलश को ब्रम्हांड का प्रतीक माना जाता हैं और भगवान विष्णु के स्वरूप की पूजा की जाती हैं और उनसे प्रार्थना की जाती हैं वो मां लक्ष्मी के साथ भूमि पर विराजें, इसके अलावा भगवान शेषनाग से विनती की जाती हैं कि जिस प्रकार उन्होंने पृथ्वी का भार संभाला हुआ हैं वैसे ही इस भूमि को भी संभाले।
भूमि पूजन के लिए किन सामग्री की होती हैं आवश्यकता
भूमि पूजन के लिए गंगाजल, आम के पत्ते, पान के पत्ते, फूल, रोली, चावल, कलावा, लाल रंग का सूती कपड़ा, कपूर, देशी घी, कलश, फल, दुर्बा घास, लौंग, सुपारी, सिक्के, हल्दी पाउडर, इलाइची, नाग-नागिन का जोड़ा और धूप-अगरबत्ती की आवश्यकता होती हैं।