बड़ी खबर: रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर, AC बॉगी में सफर करना हुआ और भी ज्यादा महंगा
आने वाले दिनों में भारतीय रेलवे के एसी क्लास में सफर करना आपके लिए थोड़ा महंगा साबित हो सकता है। इस के अलावा एक खास बात और हैं कि गरीब लोगों को सस्ते में एसी की यात्रा कराने के मकदस से शुरू की गई नो-फ्रिल एसी ट्रेन गरीब रथ एक्सप्रेस का टिकट भी अब महंगा होगा। रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक अब बेडरोल किट का चार्ज गरीब रथ के टिकट में भी शामिल किया जा सकता है। इसके साथ ही एसी कोचों में बेडरोल किट्स के लिए 25 रुपए की कीमत टिकट में ही जोड़ा जाता है, जिसे आगे और भी बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि पिछले 12 साल से इसकी कीमत में कोई बढ़ोत्तरी नहीं किया गया है।
अधिकारी के मुताबिक लिनेन के बेडरोल किट्स की बढ़ती लागत को देखते हुए यह समीक्षा की जा रही है और इसे गरीब रथ के अलावा अन्य दूसरी ट्रेनों में भी लागू किया जायेगा। गरीब रथ की तरह ही अन्य दूसरे ट्रेनों में भी पिछले एक दशक से बेडरोल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। खास बात यह है कि रेलवे ने डिप्टी कैग की ओर से बेडरोल किट के चार्ज 10 साल से नहीं बढ़ाने जाने पर सवाल उठाए जाने के बाद ही यह फैसला किया है।
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महंगा होगा टिकट
अधिकारी के मुताबिक वे कैग की तरफ से मिले नोट की समीक्षा कर रहे हैं। कीमतें हमेशा एक ही तरह नहीं होती है। गरीब रथ में बेडरोल चार्ज की समीक्षा हेागी और अगले छह माह में टिकट की कीमतों में इसे शामिल किया जायेगा। हम आपको बता दें कि अभी रेलवे सभी एसी कोचों में बेडरोल किट्स की सप्लाई करता है और उनकी 25 रुपए कि कीमत टिकट में ही शामिल कर दिया जाता हैं लेकिन गरीब रथ एक्सप्रेस और दूरंतो एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, जहां यात्री किट की बुकिंग बिना कोई अतिरिक्त चार्ज दिए करा सकता हैं।
इस नोट में बेडरोल किट्स के चार्ज की समीक्षा करने की बात कही गई है। इस मामले में डिप्टी कैग ने कहा है कि बेडरोल किट के चार्ज में बीते 12 साल से कोई बदलाव नहीं किया गया है और कैग ने सिफारिश भी की है कि इस चार्ज को भी ट्रेन के किराये में ही जोड़ा जाए। इस किट में यात्रियों के दो चादर, एक तौलिया, कवर समेत एक तकिया और एक कंबल प्रोवाइड किया जाता है।
धुलाई और खरीद लागत बढ़ी
अधिकारी ने बताया है कि रेलवे बोर्ड को यह जानकारी प्रदान कर दी गई है| विभाग ने कहा कि 2006 से बेडरोल किट की लागत बढ़ गई है। इस कैलकुलेशन में धुलाई खर्च, इसमें लगे कर्मचारी, यात्रियों को बेडरोल देने में लगे कर्मचारी, इन्हें ट्रेन में रखने की जगह की लागत और इसके रखरखाव इत्यादि की लागत को शामिल किया गया है। इस किट के चार्ज में आखिरी बढ़ोत्तरी 12 साल पहले की गई थी। अधिकारी ने बताया, कैग की ओर से भेजे गए पत्र में रेलवे से पूछा गया है कि वह 2006 में गरीब रथ ट्रेनों की शुरुआत के बाद से इनके चार्ज की कभी समीक्षा क्यों नहीं किया गया हैं|