बसंत पंचमी के दिन गर्भवती महिलाएं कर लें ये काम, बच्चा होगा ज्ञानी व संस्कारी
माता सरस्वती को ज्ञान और कला की देवी माना जाता है, ऐसा कहा जाता है कि जो भी माता सरस्वती की सच्चे मन से अराधना और वन्दना करता है उसे ज्ञान, संस्कार और कला के क्षेत्र में उन्नति प्राप्त होती है| माता सरस्वती की वन्दना हमें हमारे बचपन में स्कूल से ही सिखाई जाती है क्योंकि ऐसा करने से हमें ज्ञान और कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद मिलती है, आज का यह लेख भी बसंत पंचमी के साथ साथ गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे शिशु के लिए बेहद ही ख़ास है|
बसंत पंचमी के दिन गर्भवती महिला जरूर करें ये उपाय
इस साल बुधवार, 29 जनवरी 2020 में माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाने वाला है जो की हिन्दू मान्यता के आधार पर बेहद ही ख़ास त्यौहार माना जाता है| इस दिन ही माता सरस्वती की जयंती मानी गयी है, जिन्हें हम ज्ञान और कला की देवी भी कहते है| आज हम एक ऐसे उपाय के बारे में बात करने वाले है जिसे अगर गर्भवती महिला बसंत पंचमी के दिन करती है तो उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को काफी लाभ मिल सकता है| हमारे बताये गए उपाय को करने से माता सरस्वती की कृपा आपके गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ती है जिससे आप का बच्चा गर्भ से ही बुद्धिमान और ज्ञान और कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने की ऊर्जा प्राप्त कर लेता है|
विडियो : बसंत पंचमी के दिन गर्भवती महिला कर लें ये उपाय, शिशु बनेगा ज्ञानी और संस्कारी
बुधवार, 29 जनवरी 2020 को वसंत पंचमी है| इस दिन को बसंत ऋतुराज के आगमन का प्रथम दिन भी कहा जाता है| इस दिन माता सरस्वती की जयंती भी मनाई जाती है जिसके चलते माता सरस्वती की पूजा एवं अराधना की जाती है| इस दिन माता सरस्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10:45 से लेकर 12:30 तक रहने वाला है| इस दिन पूजा करने से कला और ज्ञान के क्षेत्र में लाभ होता है और अगर गर्भवती महिला इस दिन माता सरस्वती की पूजा करती है तो उनके शिशु को गर्भ में ही ज्ञान और कला की ऊर्जा प्राप्त होने लगती है| इस दिन व्रत रखने की कोई आवश्यकता नही होती है|
माता सरस्वती की पूजा करने के लिए पहले स्नान कर ले और पीले वस्त्र धारण कर ले| इसके बाद पूजा स्थल की अच्छे से सफाई कर के वहां पर माता सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित कर देवे| इसके बाद धुप, दीप व अगरबत्ती रखने के बाद एक कलश भी पूजा स्थल पर स्थापित कर देवे| अब पूरे विधि के साथ माता सरस्वती का पूजन कीजिये और उन्हें पीले फुल अर्पित कर दीजिये| इसके साथ ही माता सरस्वती को खीर का भोग ज़रुर लगाइए| इतना करने के बाद आपकी पूजा समाप्त होती है|
एक बात का इस दिन विशेष रूप से ध्यान रखें की भूल से भी इस दिन अपने या किसी और के बच्चे के साथ बुरा बर्ताव ना करें और नाही उन्हें किसी बात पर चिल्लाए, क्योंकि ऐसा करने पर आपके साथ गलत भी हो सकता है| माता सरस्वती को बच्चे अत्यंत प्रिय है इसलिए जितना हो सके इस दिन सभी बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार करें|