पोस्ट कोरोना वर्ल्ड (Post World Corona)
कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री मोदी के देश को संबोधन के दौरान कही गयी बातों जैसे लोकल के लिए वोकल..ग्लोबल सप्लाई चेन में बड़ी भूमिका..२० लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज..अपने आप में इशारा कर रहा है कि भारत अब इस बदले वैश्विक परिवेश में जिसे Post Corona वर्ल्ड भी कहा जा रहा है अपनी बड़ी भूमिका देख रहा है और उसी दशा में अपनी तैयारी कर रहा है.
पिछले हफ़्तों खबर पढ़ी थी कि 1000 के आसपास अमेरिकी कंपनियां भी चीन से अपना बिजनेस भारत शिफ्ट करने पर प्रारंभिक विचार कर रही हैं. ये जहां भारत के लिए उत्साहवर्धन करने वाली ख़बरें हैं. वहीँ एक बड़े सुधार की गुंजाइश और गैप को भी हाईलाइट करती हैं.
आज के दौर में सिर्फ सरकारी नौकरियों के सहारे 135 करोड़ की आबादी को २ वक़्त का खाना नहीं दिया जा सकता. निम्न वर्ग से मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग से उच्च मध्यम वर्ग का ट्रांजिशन पूरे देश में नहीं किया जा सकता…ऐसे में हमें प्राइवेट सेक्टर..MSME …कुटीर उद्योग ही बढ़ाने पड़ेंगे…लोकल के लिए वोकल वही है…मेक इन इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया से भी वैसी ही उम्मीद थी/है.
पिछले 6 साल में हमने देखा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ऊपर के लेवल पर भ्रष्टाचार काफी हद तक खत्म ही कर दिया है..लेकिन जब विदेशी कंपनियां भारत आने का मन बनाती हैं तो उनका सामना हमारे बीच के लेवल के तंत्र से होगा..ये तंत्र अभी भी कितना भ्रष्टाचार से मुक्त है/युक्त है ये हम सब भली भाँती जानते ही हैं.
अब अगर कंपनियां इसी तंत्र में उलझ कर रह गयीं तो जिस सफलता की आशा हम कर रहे हैं वो उड़ान शुरू होने से पहले ही डिरेल हो जायेगी.
ऐसे में सरकार को बहुत बड़े स्तर पर सुधार और उपाय करने पड़ेंगे. यूपी जैसे राज्यों ने लेबर लॉ में सुधारों की प्रक्रिया शुरू की तो है.लेकिन हमको व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार को खत्म करने और ज्यूडिशियल रिफार्म के साथ भारत में भ्रष्टचार पर फ़ौरन कार्यवाही करने की व्यवस्थाएं बनानी होंगी.
हम चीन तो नहीं बन सकते जहां भ्रष्टाचार पर मौत की सजा का प्रावधान है..लेकिन हमको भारत भी नहीं बने रहना है जहां आधे से ज्यादा मामले अदालतों में ही लंबित पड़े रहते हैं.
लोकल के लिए वोकल..और आत्मनिर्भर भारत तब ही संभव है जब हर स्तर से भ्रष्टाचार खत्म करके ट्रांसपेरेंट पॉलिसी पूरे देश में लागु हों. जो राज्य सरकार इन रिफार्म को लागू करने का नैतिक साहस दिखा पाएंगी..भविष्य के भारत की नींव वही राज्य बनेंगे.
कभी सोचा है तुमने कि बंटवारे के