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अब बिना ऑपरेशन ठीक करें पुरानी बवासीर को, ये है अचूक दवा

अब बिना ऑपरेशन ठीक करें पुरानी बवासीर को, ये है अचूक दवा

बवासीर आज के दौर में बिगड़े दिनचर्या और खाना पान आदत के कारण बवासीर की समस्या आम हो गई हो गई है। इसे पाईल्स के नाम से भी जाना जाता है। इसके दो प्रकार होते है आंतरिक बवासीर और बाहरी बवासीर। आंतरिक बवासीर में असहनीय दर्द होता है जिसके कारण कई बार मल त्याग में खून भी आ जाता है। इसी कारण इसे खुनी बवासीर भी कहा जाता है, वहीँ बाहरी बवासीर में गुदा के आस पास मस्से हो जाते हैं, इन मस्सों में दर्द नही होता, लेकिन खुजली अधिक होती है। आज हम आपको बताएंगे बवासीर की अचूक दवा के बारे में जिसकी मदद से आप पुरानी से पुरानी बवासीर को बिना आपरेशन जड़ से ठीक कर लेंगे।

बवासीर के कारण व लक्षण

अब बिना ऑपरेशन ठीक करें पुरानी बवासीर को, ये है अचूक दवा

मोटापा या लगातार एक ही जगह पर बैठे रहना बवासीर होने का कारण बन सकता है। लक्षणों में गुदाद्वार से खून का आना। शौच के समय गुदा द्वार में पीड़ा। गुदाद्वार के आस पास खुजली होना, कब्ज का बना रहना यह सब बवासीर के लक्षण है। बवासीर का समय पर इलाज बहुत जरूरी है। आज हम आपको बताने जा रहे कुछ ऐसे घरेलू उपाय जो बवासीर की अचूक दवा है। जिन्हें अपना कर आप बवासीर से राहत पा सकते हैं।

बवासीर की अचूक दवा – हल्दी

हल्दी हमारे रसोई का एक अहम हिस्सा है। पर क्या आप जानते यह एक आयुर्वेदिक औषधि भी है। हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं। यदि आप बवासीर से पीड़ित हैं तो हल्दी आपके लिए रामबाण साबित हो सकती है। इसके लिए एक चम्मच देसी घी में आधा चम्मच हल्दी मिला लें, इस मिश्रण को बवासीर के मस्सों पर मरहम की तरह उपयोग करने से लाभ प्राप्त होता है।

केला

केले में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो कब्ज और बवासीर के लिए उपयोगी साबित होते हैं। इसके लिए एक पक्के के केले को बीच से काट लें और उसपर कत्था छिड़क लें,अब इसे रात भर खुले आसमान के नीचे छोड़ दें। अगली सुबह इस केले को खाली पेट खाएं। इसे खाने से आपको 5-7दिन राहत मिलेगी।

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अब बिना ऑपरेशन ठीक करें पुरानी बवासीर को, ये है अचूक दवा

बवासीर की अचूक दवा – छाछ

बाहरी बवासीर के मस्सों के लिए छाछ का सेवन विशेष लाभकारी माना जाता है। इसके लिए दो लीटर छाछ में 50 ग्राम पिसा हुआ जीरा व नमक मिला कर रख दें और जब भी प्यास लगे तो पानी की जगह इसे पी लें। एक हफ्ते तक इसका सेवन मस्सों को ठीक करने में सहायक होता है।

त्रिफला चूर्ण

आयुर्वेद में त्रिफला चूर्ण को रामबाण औषधि माना गया है।यह कई रोगों को ठीक करने की क्षमता रखता है।इसका इस्तमाल सदियों से आयुर्वेद में किया जा रहा है।इसके लिए आप रात में सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन करें।इससे बहुत जल्द बवासीर के दर्द व मस्सों में राहत मिलेगी। इन सभी प्रयोगों से बवासीर को जड़ से खत्म किया जा सकता हैं।बिना ऑपरेशन के भी बवासीर से राहत पाई जा सकती है।

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