आज है साल की सबसे बड़ी एकादशी, इस अद्भुत संयोग में 1 आटे का दिया करेगा सारी मुश्किलें खाक
हिन्दू शास्त्रों में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है, साल में 24 एकादशी होती है। चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो मनुष्य भक्ति भाव से जो व्रत रखता है उसके सारे पापों का नाश होता है। इस बार यह संयोग 13 मार्च को पड़ रही है। यह एकादशी पापों को नष्ट करने वाली एकादशी मानी जाती है। यह एकादशी मंगलवार को पड़ रही हैं इसीलिए एक विशेस संयोग भी बन रहा है जो बहुत ही शुभ फल देने वाला है। इस एकादशी के महत्व को भगवान श्रीकृष्ण ने बताते हुए कहा कि जो भी कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत रखता है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते है।
व्रत कथा
एक बार एक ऋषि घोर तपस्या कर रहे थे। उनकी तपस्या इतनी प्रभावशाली थी कि इससे देवताओं के राजा इन्द्र घबरा गए। इन्द्र ने ऋषि की तपस्या भंग करने के लिए मंजुघोषा नामक अप्सरा को उनके पास भेजा। मेधावी ऋषि अप्सरा के हाव-भाव को देखकर उस पर मुग्ध हो गए। मेधावी ऋषि शिव भक्ति छोड़कर मंजुघोषा के साथ रहने लगे। कई साल गुजर जाने पर मंजुघोषा ने ऋषि से स्वर्ग वापस जाने की आज्ञा मांगी। ऋषि को तब भक्ति मार्ग से हटने का बोध हुआ और अपने आप पर ग्लानि होने लगी।
अप्सरा को धर्म भ्रष्ट होने का कारण मानकर ऋषि ने उसे पिशाचिनी हो जाने का शाप दिया। अप्सरा इससे दुःखी हो गई और शाप से मुक्ति के लिए प्रार्थना करने लगी। इसी समय देवर्षि नारद वहां आये और अप्सरा एवं ऋषि दोनों को पाप से मुक्ति के लिए पापमोचिनी एकादशी का व्रत करने की सलाह दी।
नारद द्वारा बताये गये विधि-विधान से दोनों ने पाप मोचिनी एकादशी का व्रत किया जिससे वह पाप मुक्त हो गये। शास्त्रों में बताया गया है कि एकादशी की इस कथा को पढ़ने और सुनने से 1000 गौदान का फल मिलता है। ब्रह्महत्या, सोने की चोरी और सुरापान करनेवाले महापापी भी इस व्रत से पापमुक्त हो जाते हैं। यह व्रत बहुत पुण्यदायी है।
यह भी पढ़े : 1100 साल बाद इस नवरात्री पर बन रहा है महासंयोग, ये तीन राशि वाले होंगे मालामाल
व्रत के नियम
एकादशी के दिन प्रातः स्नानादि से निवृत होकर भगवान विष्णु की पूजा करें। घी का दीपक जलाकर भगवान से जाने-अनजाने जो भी पाप हुए हैं उससे मुक्ति पाने के लिए प्रार्थना करें। जितना अधिक संभव हो ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप करें।
पहला उपाय
इस एकादशी पर अगर आप कुछ विशेष उपाय करते हैं तो आपको उससे भी बहुत ही लाभ मिलेगा |इस उपाय को करने के लिए आपको दिन ढलने के बाद एक नारियल लेना और उसपर सिन्दूर से स्वस्तिक बनाना है और मौली लपेट कर हनुमान जी के चरणों में चढ़ा दे इसके साथ ही हनुमान चालीसा की एक चौपाई का पाठ भी करें।
दूसरा उपाय
गेहू का आटा ले ले और उसे थोडा पानी डाल के थोडा टाइट गुथ ले और इस आटे का एक दिया बना ले और उसमे सरसों का तेल डाल कर दिया जला ले और इसे हनुमान जी के सामने रख दे ऐसा करने से आपके सभी कष्टों का नाश हो जायेगा और आपको समृधि का आशीर्वाद मिलेगा।