Woman Health : यहां जानें ओवरी सिस्ट के लक्षण, कारण और उपचार
महिलाओं में ओवरी शरीर का वो महत्वपूर्ण अंग होता है| जिससे उसमें प्रजनन करने क्षमता उत्पन्न होती है। यह गर्भाशय के दोनों तरफ पेट के नीचे की जगह पर स्थित होता है। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि महिलाओं में दो अंडाशय होता हैं| जो कि अंडे के साथ एस्ट्रोजन और प्रेजोस्टेरोन हार्मोन का निर्माण करता हैं| दरअसल ओवरी एक तरल पदार्थ से भरी एक बंद थैली नुमा की आकृति होती है और सिस्ट, गांठ होता है। अमूमन ओवरी या अंडाशय में सिस्ट बनने के कोई लक्षण साफ तौर पर तब तक जाहीर नहीं होता हैं जब तक उसका आकार बड़ा ना हो जाए। लेकिन आज हम आपको ओवरी सिस्ट के लक्षण के बारे में आपको बताने जा रहे हैं|
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ओवरी सिस्ट के लक्षण
(1) इसका सबसे पहला कारण भूख कम लगना होता हैं।
(2) पेट के दोनों तरफ के निचले हिस्से में दर्द होना।
(3) पेट में सूजन आना या फिर अपच होना।
(4) संबंध बनाते समय बहुत ज्यादा दर्द होना।
(5) पीरियड के समय पेडू में दर्द होना।
ओवरी सिस्ट के कारण और प्रकार
(1) फॉलिकल सिस्ट
महिलाओं में पीरियड्स के समय थैलीनुमा आकृति में बनने वाले अंडो को फॉलिकल कहा जाता है। यह थैली महिलाओं के ओवरी के अंदर मौजूद होता हैं| आपको बता दें कि अमूमन यह थैली फट जाती है और अंडे बाहर आ जाते हैं, लेकिन जब यह थैली नहीं फटती है तब अंडाशय में मौजूद तरल पदार्थ गांठ लेता हैं|
(2) कॉपर्स ल्यूटियम सिस्ट
आमतौर पर यह फॉलिकल के निकलने के बाद खुद नष्ट हो जाता हैं| यदि यह नष्ट नहीं हो पाता हैं, तो इस जगह ज्यादा तरल इकठ्ठा हो जाता है और यह कॉपर्स ल्यूटियम सिस्ट बनने का कारण बन जाता है।
(3) पॉलिसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम
कुछ महिलाओं में पॉलिसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम हो जाता है। इसमें अंडाशय के अंदर ही कई सारे छोटे-छोटे गांठ बन जाते है| जिसके बढ़ने पर यह महिलाओं को बांझपन शिकार होना पड़ता हैं|
ओवरी सिस्ट के उपचार
(1) ओवरी सिस्ट की पुष्टि के लिए सीटी स्कैन या अल्ट्रासांउड जरूर करवाएं।
(2) लेप्रोस्कोपी सर्जरी
यदि सिस्ट छोटी है तो डाक्टर्स थेरेपी के जरिए नाभि के पास एक छोटा सा चीरा लगाकर सिस्ट को बाहर निकाल देते हैं|
(3) लैपरोटॉमी सर्जरी
यदि सिस्ट बड़ी हो तो डॉक्टर्स उसे लैपरोटॉमी सर्जरी के जरिए नाभि के पास एक बड़ा चीरा लगाकर बाहर निकलते हैं। इसके अलावा यदि सिस्ट के वजह से गर्भाशय या अंडाशय में कैंसर फैलने का खतरा होता हैं तो डाक्टर्स उन दोनों को भी शरीर से बाहर निकाल देते हैं|
(4) ओवरी सिस्ट के लिए हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही दवाई लें। अर्थात खुद ही डॉक्टर ना बन जाए वरना आपको इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता हैं|