आज से शुरू हो गया है केरल का लोकप्रिय ओणम का त्योहार, जानें क्या है महत्व
केरल के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक ओणम श्रावण शुक्ल की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। आपको दें की ओणम केरल का एक महत्वपूर्ण त्योहार है और यह त्योहार ना सिर्फ केरल में बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। हालांकि आमतौर पर ओणम का त्योहार सितंबर मास में मनाया जाता है मगर इस बार इसे अगस्त के महीने में मनाया जा रहा है। इस त्योहार की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस दिन लोग मंदिरों आदि में पूजा-अर्चना करने की बजाय अपने घर में ही पूजा करते हैं।
वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस साल ओणम का पवित्र त्यौहार 15 अगस्त को शुरू हुआ और 27 अगस्त को खत्म होगा। हालांकि इस बार केरल में विनाशकारी बाढ़ के चलते ओणम के त्योहार की चमक थोड़ी फीकी पड़ गई है अगर उत्साह में कोई कमी नहीं है।
त्योहार मनाए जाने के पीछे ये है मान्यता
ऐसा माना जाता है कि केरल में महाबली नाम का एक असुर राजा था जिसके आदर में लोग ओणम का पर्व मनाते हैं। कहा जाता है की थिरूओणम के दिन असुर राजा महाबली अपनी प्रजा से मिलने आते हैं और उन्हीं की स्वागत में यह पर्व मनाया जाता है। बता दें की यह 10 तमाम तरह की प्रतियोगिताएं कराई जाती है जिसमे सर्प नौका दौड़ और कथकली नृत्य तथा गाना मुख्य होता है।
जिस तरह से पूरे देश में दशहरे के पर्व पर दस दिन पहले रामलीलाओं का आयोजन होता है कमोवेश उसी तरह केरल में मनाया जाने वाला त्योहार ओणम में भी दस दिन पहले घरों को फूलों से सजाने का कार्यक्रम चलता है। ओणम हर साल श्रावण शुक्ल की त्रयोदशी को मनाया जाता है।
ओणम के दौरान बनते हैं स्वादिष्ट व्यंजन
ऐसा कहा जाता है की त्योहार के दौरान केरल में अठारह प्रकार के दुग्ध पकवान बनते हैं, इनमें कई प्रकार की दालें जैसे मूंग व चना के आटे का प्रयोग भी विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है। इसके अलावा भोजन को कदली के पत्तों में परोसा जाता है, तथा ‘पचड़ी–पचड़ी काल्लम, ओल्लम, दाव, घी, सांभर’ भी बनाया जाता है, पापड़ और केले के चिप्स बनाए जाते हैं।
केरल में इन दिनों केरल में चाय, अदरक, इलायची, काली मिर्च तथा धान की फसल पक कर तैयार हो जाती है और लोग फसल की अच्छी उपज की खुशी में ये त्यौहार मानकार खुशियांं बाटतें हैं। देखा जाए तो यह त्योहार भारत के सबसे रंगा-रंग त्योहारों में से एक है।