इन 5 वजहों से होती है न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर, इरफान खान को भी हुई है यही गंभीर बीमारी
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता इरफान खान न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर का शिकार हुए हैं और अभी कुछ दिनों पहले ही सोशल मीडिया पर खुद इरफ़ान ने अपनी बीमारी का खुलासा कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक स्टेटमेंट जारी करते हुए जानकारी दी कि उन्हें न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर है। बीमारी के इलाज के लिए इरफान विदेश रवाना हो चुके हैं।
इरफ़ान ने आपने ट्विटर पर लिखा, ‘अनिश्चितता हमें समझदार बनाती हैं, व मेरे पिछले कुछ दिन इसी बारे में रहे हैं। मैं समझ रहा था कि मुझे न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर हुआ है। अभी तक यह जज्ब करना थोड़ा कठिन था लेकिन आप सबके प्यार ने मुझे हिम्मत दी है। इसी सफर में राष्ट्र से बाहर हूं मैं आप सभी से निवेदन करता हूं कि मेरे लिए दुआएं मांगते रहें ।
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आज हम आपको बताने वाले हैं की आखिर न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर बीमारी है क्या जो इरफ़ान को हुई है और ये किस वजह से होती है।
न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर (NETs) क्या है
न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर (NETs) एक ऐसा ट्यूमर है जो बॉडी के हार्मोन पैदा करने वाले हिस्सों में पनपता है। यह एक रेयर बीमारी है। न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर बॉडी के न्यूरो एंडोक्राइन सिस्टम की हार्मोन पैदा करने वाली कोशिकाओं में पनपता है । वास्तव में इसमें हार्मोन पैदा करने वाली एंडोक्राइन कोशिकाएं व नर्व कोशिकाएं दोनों को भूमिका होता है । न्यूरो एंडोक्राइन कोशिकाएं ब्रेन, पेट व आंत सहित फेफड़े, गैस्ट्रोइन्टेस्टाइन ट्रैक्ट जैसे हिस्सों में पाई जाती हैं।
न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर होने की 5 वजह निम्नलिखित है
न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर है अगर परिवार में किसी को भी है तो बच्चों को भी यह बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है। अगर किसी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम (बीमारियों से लड़ने की क्षमता) कमजोर है तो उसे ये बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है। जरूरत से ज्यादा समय धूप में बिताने से सूरज की अल्ट्रावायोलेट किरणें बॉडी पर बुरा असर डालती हैं। इससे न्यूरो एंड्रोक्राइन ट्यूमर का खतरा बढ़ सकता है। न्यूरो एंड्रोक्राइन ट्यूमर का खतरा लंबे समय तक स्मोकिंग करने से भी बढ़ सकता है। बढ़ती उम्र के साथ बॉडी में कई तरह के हॉर्मोनल चेंजेस आते हैं। इसकी वजह से यह ट्यूमर 70 की उम्र के आसपास होने की आशंका बढ़ जाती है।