प्रवासी मजदूरों ने भरी सपनो की उड़ान, विमान से रांची पहुंचे मजदूर
कोरोना ने ऐसा कहर फैलाया कि हर राज्य हर शहर में सर पर बोझ रखकर सड़कों पर पैदल, तो कभी साइकिल से हजारों किलोमीटर का सफ़र तय करने वाले प्रवासी मजदूरों की स्थति किसी से छिपी नहीं रह गयी है. कोरोना की वजह से किसी का गहर चीन गया है तो किसी की नौकरी, ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी आ रही गरीब प्रवासियों के सामने जो खाने के लिए तरस गए हैं और कीस भी तरह से बस अपने अपने घर पहुँच जाना चाहते हैं.
प्रवासी मजदूरों के खिले चेहरे
ऐसे ही कई प्रवासी मजदूर जो मुंबई में पिछले दो महीने से फंसे हुए थे उनके लिए मसीहा बन कर सामने आये नेशनल ला कालेज एलुमनी और कुछ एजीओ की मदद से इन गरीब मजदूरों को उनके घर भेजने का प्रबंध किया गया. अभी आपने सुना और देखा होगा की इन मजदूरों की मदद के लिए सर्कार के साथ साथ कई अन्य लोग भी सामने आ रहे थे जो बस, ट्रेन आदि की मदद से इन्हें इनके घर भेजा जा रहा था. मगर यह पहली बार होगा जब प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए किसी ने विमान का प्रबंध किया हो.
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बताते चलें की इन संस्थाओं की मदद से कई प्रवासी मजदूरों को उनके सपनों की उड़ान करायी गयी और मुंबई से रांची के लिए रवाना कर दिया गया. ये सभी मजदूर आज सुबह 8.30 बजे एयर एशिया के विमान से रांची एअरपोर्ट पर पहुंच गए.