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मलमास माह के दौरान भूलकर भी न करें ये काम, वरना पड़ सकते हैं मुसीबत में

मलमास माह के दौरान भूलकर भी न करें ये काम, वरना पड़ सकते हैं मुसीबत में

हमारे भारत देश को हिंदुओं का देश माना जाता हैं, जिसको सनातन धर्म भी कहते हैं| हमारे यहाँ काल की गणना  सूर्य व चन्द्रमा को ध्यान में रख कर किया जाता हैं| इन दोनों पद्धतियों की समान काल गणना को मलमास से व्यस्थित किया गया हैं| मलमास को अधिकमास और पुरुषोत्तम नाम से भी जाना जाता हैं| अगर हम दूसरे शब्दो में इसकी बात करे तो इसे सनातनी हिन्दू कैलेंडर को व्यस्थित करने वाला काल माना गया हैं| मलमास का तीन साल में एक बार योग बनता हैं| इस महीने में कोई भी शुभ काम या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता हैं| इस साल यह अधिकमास बुधवार से शुरू होकर 13 जून तक रहने वाला हैं|

मलमास माह के दौरान भूलकर भी न करें ये काम, वरना पड़ सकते हैं मुसीबत में

हमारे शास्त्रों में इस महीने में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना गया हैं| इस महीने में हर सनातनी को गंगा स्नान-दान और भगवान विष्णु की पुजा करनी चाहिए| मान्यता हैं की इस अधिकमास के 33 देव हैं, जिसका मतलब हैं की 33 उद्देश्यों की प्राप्ति के निमित्त 33 मालपूआ को कांस्य पात्र में रख कर, घी व स्वार्णादी ब्राम्हणों को दान करना चाहिए| जिससे की आपको धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष इत्यादि की प्राप्ति हो|

मलमास माह के दौरान भूलकर भी न करें ये काम, वरना पड़ सकते हैं मुसीबत में

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इस पूरे महीने में भगवान विष्णु की पुजा करने के लिए विष्णु सहस्त्रनाम, विष्णु मंत्र आदि का जप रोजाना करना चाहिए| शास्त्रो में बताए गए विधान की अवहेलना नहीं करनी चाहिए| मलमास के महीने में तन और मन से सात्विक रहना चाहिए तथा ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए| मांस-मदिरा तो छोड़िए प्याज-लहसुन तक का सेवन नहीं करना चाहिए| इस महीने को भगवान विष्णु का महिना कहा गया हैं, इसलिए इस पूरे महीने भगवान विष्णु की आराधना करना चाहिए|

मलमास माह के दौरान भूलकर भी न करें ये काम, वरना पड़ सकते हैं मुसीबत में

ज्योतिषाचार्य बताते हैं की चंद्र गणना पद्धति में चंद्रमा की 16 कलाओं के आधार पर दो पक्षों का एक मास माना जाता हैं| प्रथम पक्ष को अमान्त तथा दूसरे पक्ष को पूर्णिमान्त कहते हैं| कृष्ण पक्ष के प्रत्येक मास 29 दिन होते हैं| अगर इस दृष्टि से देखा जाए तो एक वर्ष में 354 दिन होता हैं| वहीं पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा पूरा करने में 365 दिन, 6 घंटे लगते हैं| इस हिसाब से देखें तो सूर्य व चन्द्र गणना पद्धति में प्रत्येक वर्ष 11 दिन, तीन घड़ी, लगभग 50 तल का अंतर आता हैं|

मलमास माह के दौरान भूलकर भी न करें ये काम, वरना पड़ सकते हैं मुसीबत में

इस तरह यह तीन सालो में बढ़ते-बढ़ते लगभग एक महीने का हो जाता है| इसी वजह से हमारे यहाँ के त्यौहार आगे-पीछे पड़ते हैं| इस अंतर को पूरा करने के लिए हमारे ज्योतिष शास्त्र में हर तीन साल में एक अधिकमास की व्यवस्था की गयी हैं| ताकि समय की गणना सही से हो सके| इस साल यह 16 मई से शुरू होकर 13 जून तक रहेगा|

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