कौन है सांता क्लॉज और कहां से आता है? आइए जानते हैं इसके पीछे की कहानी
यदि बच्चो के सामने क्रिसमस की बात करे तो उनके मन में एक ही छवि बनती हैं और वो छवि सांता क्लॉज की होती हैं क्योंकि उन्हें ऐसा लगता हैं कि यदि सांता क्लॉज आयेगा तो उन्हें ढेर सारे उपहारे देगा| बच्चो के मन में सांता क्लॉज की छवि एक बूढ़े सफ़ेद दाढ़ी वाले आदमी जो फुनगी वाली टोपी और पीठ पर छोला लिए होता कि हैं| इतना ही नहीं बच्चो के लिए सांता क्लॉज एक देवदूत के समान हैं और वो क्रिसमस के अवसर पर आता हैं| ऐसे में जब बच्चे अपने माता-पिता से पुछते हैं कि आखिर ये सांता क्लॉज हैं कौन तो माता-पिता कहते हैं कि यह एक देवदूत हैं जो स्वर्ग से क्रिसमस के अवसर पर आता हैं और बच्चो को उपहार देकर चला जाता हैं| इतना ही नहीं कुछ बच्चो के माता-पिता कहते हैं कि सांता क्लॉज कहीं दूर बर्फीली पहाड़ियों में रहता हैं| ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर सांता क्लॉज हैं कौन और कहाँ से आता हैं|
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सांता क्लॉज चौथी शताब्दी में मायरा के निकट एक शहर हैं| हालांकि ये अब तुर्की के नाम से जाना जाता है, में जन्मे संत निकोलस का ही एक रूप है। दरअसल निकोलस के पिता मे उन्हें बहुत अच्छी परवरिश दी थी| जिसकी वजह से ही निकोलस दूसरे के प्रति दया भाव रखते थे और जरूरतमंदों की हमेशा सहायता करते थे| इतना ही नहीं निकोलस को बच्चो से बहुत ज्यादा प्यार था जिसके कारण वो बच्चो के लिए ढेर सारी खिलौने खरीदते और उन्हें उपहार स्वरूप देते थे| निकोलस की याद में ही 6 दिसंबर को ‘संत निकोलस दिवस’ मनाया जाता हैं|
दरअसल निकोलस इसी दिन गरीब लड़कियों की शादी के लिए उपहार बांटते थे लेकिन वो 25 दिसंबर को बच्चो को ही उपहार बांटते थे| इतना ही नहीं कुछ लोगों का कहना हैं कि निकोलस से जलने वाले लोगों ने निकोलस की हत्या 6 दिसंबर को ही करवा दी थी| बता दें कि निकोलस के बारे में बहुत सारी कहानियाँ प्रचलित हैं, जिसमें वो गरीब व बेसहारा लोगों की मदद करते हैं| निकोलस के इस व्यवहार से हर कोई उन्हें पसंद करने लगा और एक दिन जब मायरा के बिशप की मृत्यु हो गयी तब सभी ने निकोलस को मायरा का नया बिशप नियुक्त किया क्योंकि वहाँ के निवासियों का ऐसा मानना था कि ईश्वर ने निकोलस को उनके सही मार्ग-दर्शन के लिए भेजा हैं|
बिशप के रूप में निकोलस ने लोगों की और सहायता की, ऐसे में निकोलस हर तरफ फेमस हो गए और उनकी छवि एक संत के रूप में बनी गयी| इतना ही जब उनकी प्रसिद्धि यूरोप में पहुंची तो वहाँ के लोगों ने उन्हें सेंट क्लॉज कहाँ और बाद में ये सेंटा क्लॉज के नाम से फेमस हो गए| लेकिन वर्तमान में ‘सांता क्लॉज’ के नाम से जाना जाता हैं| निकोलस के निधन के बाद उनकी याद में एशिया का सबसे प्राचीन चर्च बनवाया गया, जो आज भी ‘सेंट निकोलस चर्च’ के नाम से विख्यात है|