आइए जानें, क्या है Amazon व Flipkart के सेल का सच
आजकल ऑनलाइन शॉपिंग करने का चलन बढ़ गया हैं, ऐसे में आपने भी कभी ना कभी ऑनलाइन शॉपिंग जरूर की होगी| दरअसल लोग अब भीड़भाड़ वाली जगहों में शॉपिंग करने से अच्छा घर बैठे सामानों की शॉपिंग करना पसंद करने लगे हैं क्योंकि उन्हें कहीं आने-जाने की जरूरत नहीं पड़ती हैं बल्कि उन्हें घर बैठे ही सामान मिल जाता हैं, साथ में ऑनलाइन शॉपिंग में आए दिन भारी छुट मिलती हैं जिससे लोगों को लाभ मिलता हैं| ऐसे में आइए ऑनलाइन शॉपिंग करने के सच के बारे में जानते हैं|
आजकल ऑनलाइन कंपनियां 60 से 70 फीसदी तक डिस्काउंट देती है और कुछ सामानों पर तो 90 फीसदी तक की छूट मिलती है| आखिर ये ऑनलाइन कंपनियों के लिए मोटे ऑफर्स देना कैसे संभव होता है, यह ऑफर दुकानदार क्यों नहीं देते है| दरअसल ई-कॉमर्स कंपनियों की लागत रिटेलर्स के मुक़ाबले कम होती हैं, इसके साथ ही उन्हें कोई सेल्स पर्सन रखने की जरूरत नहीं पड़ती हैं, जिससे उनकी सैलरी बचती हैं|
ई-कॉमर्स कंपनियों को दुकान का मोटा किराया नहीं देना पड़ता हैं, इससे उनका दुकान का किराया बचाता हैं| इतना ही नहीं उन्हें अलग-अलग मार्केट्स में दुकानों की खोलने की जरूरत नहीं पड़ती हैं, दिन मे उन्हें 12 घंटे दुकान खोलने की जरूरत नहीं पड़ती हैं, जिससे उनकी लागत बहुत कम आती हैं, जबकि रिटेलर्स को 12 घंटे दुकान खोलने की जरूरत पड़ती हैं, जिससे उनकी लागत ज्यादा होती हैं|
लागत कम होने के कारण ई-कॉमर्स कंपनियां रिटेलर्स के मुक़ाबले सस्ता सामान बेचती हैं, या फिर अपनी मार्जिन कम कर देती हैं जबकि रिटेलर्स ऐसा नहीं कर सकते हैं| यहीं कारण हैं कि रेटेलर्स ई-कॉमर्स कंपनियो के खिलाफ आवाज उठाती रहती हैं और उनके ऊपर लगाम लगाने की गुहार सरकार से हमेशा करती हैं|ऑनलाइन शॉपिंग का चलन इस देश में नया हैं इसलिए ये आने ग्राहकों को लुभाने के लिए ऐसे ऑफर देती है|
बता दें कि ई-कॉमर्स कंपनियां उन्हीं चीजों पर छुट देती हैं जो बाजार से आउट डेटेड हो चुकी हैं, आपने यदि गौर किया हो तो आपने यह जरूर देखा होगा कि ये कंपनीय ब्रांडेड सामानों पर कम ही छुट देती हैं जबकि नॉन ब्रांडेड सामानों पर छुट ज्यादा देती हैं| ई-कॉमर्स कंपनियां अपने भारी छुट में भी बहुत ज्यादा कमाई कर लेती हैं, ये कंपनियाँ ना सिर्फ बड़े-बड़े शहरों में अपनी पकड़ बना रही हैं बल्कि इनकी पकड़ छोटे शहरों में बड़ी तेजी से होने लगी हैं|
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में रिटेल बाजार का आकार नौ सौ अरब डॉलर हैं, रिटेल बाजार में 10 से 12 प्रतिशत की ग्रोथ हैं| वहीं ऑनलाइन रिटेल का कारोबार 15 अरब डॉलर का हैं, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा हैं कि 2022 तक इसका कारोबार 90 अरब तक पहुंच जाएगा अर्थात ऑनलाइन बाजार 20 से 25 फीसदी की दर से तेजी से बढ़ रहा हैं| सामानों के मामले में ये कंपनियाँ फेक सामान बेचती हैं, एक सर्वे के मुताबिक 38% लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग में नकली समान मिले, ये सामान स्नैपडील, अमेज़न और फ्लिपकार्ट के ग्राहकों को भी मिले हैं| स्नैपडील के 12%, अमेज़न के 11%, फ्लिपकार्ट के 6% ग्राहकों को फेक सामान मिले| इसलिए इन कंपनियों के भारी छुट पर ना जाए बल्कि जांच-परख कर ही सामान खरीदे|