इस जवान ने अकेले ही कारगिल युद्ध में मार गिराए थें 48 पाकिस्तानी सैनिक
हाल में हुये पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुये जवान की शहादत एक बार फिर से कारगिल में हुये शहीद जवानों की याद दिलाती हैं| बता दें कि साल 1999 कारगिल का युद्ध हुआ था और इस युद्ध में हमारे बहुत सारे भारतीय जवान शहीद हुये थे| हालांकि इस युद्ध में भारतीय जवानों ने विजय हासिल की थी, लोग आज भी कारगिल में शहीद हुये जवानों को सलाम करते हैं और उनके मन में आज भी उनके प्रति सम्मान रखते हैं| ऐसा कोई भी भारतीय नहीं होगा जो इन जवानों की शहादत को याद ना करता हैं या फिर उन जवानों की चर्चा ना करता हैं, हर एक भारतीय इन जवानों की हिम्मत का दाग देता हैं|
इस युद्ध में ना जाने कितने भारतीय जवानों ने अपनी लहू बहाएँ और तब जाकर कहीं भारत को इस युद्ध में विजय हासिल हुयी| इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सैनिकों के छक्के छुड़ा दिये और उन्हें घुटने टेकने पर मजबूर कर दिये| ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी बात याद दिलाते हैं जो राजपूताना राइफल्स के इस जवान ने दी थी| ऐसे में आज हम आपको इस वीर जवान के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे दुश्मनों की पाँच गोलियां लगी थी, इसके बावजूद इस वीर जवान ने पाकिस्तान के 48 सैनिकों को मार गिराया था|
यह वीर जवान राजस्थान के सीकर का निवासी था और इनका नाम दिगेंद्र सिंह था| ये अपने आखिरी सांस तक दुश्मनों से लड़ते रहे| दिगेंद्र सिंह भारतीय सेना की बटालियन राजपूताना राइफल्स के अच्छे कमांडो में से एक थे| कारगिल युद्ध के दौरान दिगेंद्र सिंह को पाँच गोलियां, 3 सिने में और दो हाथ-पैर में लगे थे| लेकिन पाँच गोलियों के लगने के बावजूद दिगेंद्र सिंह ने पाकिस्तान के 48 सैनिकों को मार गिराया था|
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भारतीय सैनिक अपनी वीरता, समय-समय पर दिखाते रहते हैं और ये देश के लिए जीते हैं और देश के लिए अपने जान की कुर्बानी भी दे देते हैं| ऐसे में हर कोई इन भारतीय जवानों को सम्मान की दृष्टि से देखता हैं क्योंकि इन वीर जवानों की ही बदौलत हम अपने घर में चैन से सो पाते हैं|