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नौकरी के भी होते हैं इंश्योरेंस, चली गई तो नहीं होगी घर खर्च की टेंशन, जानें कैसे

नौकरी के भी होते हैं इंश्योरेंस, चली गई तो नहीं होगी घर खर्च की टेंशन, जानें कैसे

देश में कोरोना एक बेहद खतरनाक बीमारी का रूप ले चुकी हैं जिसकी वजह से ना केवल बहुत से लोगों की जान गई हैं बल्कि कोरोना की वजह से पूरी अर्थव्यवस्था भी चरमरा चुकी हैं। इसका मुख्य कारण कारोबार पर असर पड़ना हैं, इसके अलावा देश में लगे लॉकडाउन की वजह से निजी क्षेत्रों में कार्य करने वाले बहुत से लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा।

पर क्या आप जानते हैं कि नौकरी का भी इंश्योरेंस होता हैं जो ऐसी वितीय संकट में आपकी मदद कर सकता हैं। जी हां जॉब इंश्योरेंस, शायद हम में से बहुत से लोगों ने पहली बार इस तरह के इंश्योरेंस के बारें में सुना हो पर वास्तव में नौकरी का बीमा होता हैं। आज हम आपको जॉब इंश्योरेंस के बारें में जानकारी देने जा रहें हैं

कोरोना की वजह से गई नौकरियां

नौकरी के भी होते हैं इंश्योरेंस, चली गई तो नहीं होगी घर खर्च की टेंशन, जानें कैसे

देश में चल रहें लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप्प हो चुकी हैं बहुत से लोगों की सैलरी में भी कटौती की गई जिसकी वजह से लोगों को अपनी जीविका चलाने में बहुत दिक्कत आ रही हैं, बहुत से कंपनियों ने अपने यहां से बहुत से कर्मचारियों को एक साथ हटा दिया हैं ऐसे में निजी क्षेत्रों से जुड़े सभी लोगों के मन मे अपनी नौकरी को लेकर असुरक्षा का माहौल बना हुआ हैं। ऐसे में जॉब इंश्योरेंस आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता हैं इसमें आपको कुछ समय के लिए वितीय सहायता प्रदान की जाती हैं।

क्या होता हैं जॉब इंश्योरेंस?

जिस प्रकार हर बीमा का उद्देश्य अपने बीमाकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करना हैं उसी प्रकार जॉब इंश्योरेंस में भी ग्राहक और उसके परिवार को कुछ समय तक आर्थिक मदद दी जाती हैं। जब बीमाकर्ता पॉलिसी में दिए कारणों की वजह से नौकरी खो देता हैं तब उसे मदद दी जाती हैं, इसके अलावा बीमाकर्ता को किसी तरह की गंभीर बीमारी होने या दुर्घटना में दिव्यांग होना भी इन वजहों में शामिल होता हैं। जॉब इंश्योरेंस कभी भी स्टैण्डलोन पॉलिसी नहीं होती बल्कि किसी अन्य पॉलिसी के साथ किसी राइडर के रूप में या ऐड ऑन कवर के रूप में मिलती हैं।

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अन्य महत्वपूर्ण जानकारी जॉब इंश्योरेंस की

ये पॉलिसी सिर्फ वही लोग ले सकते हैं जिन्हें प्रतिमाह सैलरी मिलती हैं, अगर व्यक्ति की कम्पनी रजिस्टर्ड हैं तो ही वो ये पॉलिसी ले सकता हैं। क्लेम लेने के लिए बीमाकर्ता को इंश्योरेंस कंपनी को लिखित में सूचना देनी होती हैं, साथ-साथ उसे नौकरी छूटने के प्रमाण पत्र के साथ-साथ अन्य दस्तावेज भी देने होते हैं दस्तावेज सही पाए जाने के बाद क्लेम राशि का भुगतान कर दिया जाता हैं

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