जानिए क्या है अजीत डोभाल का 4AM Action फॉर्मूला और इससे कैसे काबू होंगे कश्मीर के हालात
बीते दिनों जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया गया हैं और वहाँ के हालात को सामान्य बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं| इसके लिए भारी तादाद में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं, स्थानीय अफसरों की मदद से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल द्वारा तैयार किया गया 4एम एक्शन प्लान ने अभी तक स्थिति को सामान्य रखा हैं| इस प्लान के जरिये ही स्थानीय प्रशासन ने असामाजिक तत्वो के साथ सीमा पार होने वाली घटनाओं पर भी शिकंजा कसा हैं| ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर अजित डोभाल का ये 4एम एक्शन प्लान क्या हैं और यह कैसे काम कर रहा है|
(1) 1एम – मिलिटेंट: घुसपैठ को विफल बना आतंकियों पर कस रहे शिकंजा
बीते दिनों जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने से पाकिस्तान काफी बेचैन हैं और ऐसे में पाकिस्तान में बैठे आतंकी देश के कई हिस्से में आतंकी हमले करने की साजिश रच रहे हैं| इस तरह की कोई साजिश कामयाब ना हो इसके लिए पंजाब में विशेषकर गुरदासपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ाई गई है, ताकि पठानकोट जैसा हमला दोबारा ना हो। इतना ही नहीं नेपाल और बंगलादेश के रास्ते आने वाले लोगों की भी स्क्रीनिंग किए जाने की तैयारी हैं। इसके साथ ही, राज्य के भीतरी हिस्सों में भी आतंकरोधी अभियानों में तेजी लाई जाएगी। इन सब के अलावा नए लड़कों की भर्ती रोकने के लिए नागरिक प्रशासन, सिविल सोसाइटी को भी पूरी तरह से सक्रिय किया गया हैं|
(2) 2एम -मूवर्स एंड शेकर्स: ओडब्ल्यूजी को खोजना बड़ी चुनौती
आतंकियों व उनके आकाओं के लिए काम करने वाले असामाजिक तत्वों को आम बोलचाल की भाषा में ओवरग्राउंड वर्कर कहते हैं| ये दुकानदार, किसान, मजदूर, छात्र, सरकारी कर्मचारी, बुद्धिजीवी, राजनीतिक कार्यकर्ता आदि हो सकते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ राज्य पुलिस अपने खुफिया विंग के अलावा केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर अभियान चला रही है क्योंकि ये लोग ना सिर्फ आम लोगों में घुल-मिलकर राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों और हिंसा को भड़काते हैं बल्कि आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकानों, पैसो की व्यवस्था के अलावा टारगेट की निशानदेही भी करते हैं। इतना ही नहीं ये आतंकी संगठनों के लिए नए लड़कों को चिह्नित करने का भी जिम्मा उठाते हैं। इस तरह पूरी वादी में लगभग 6 हजार ओवरग्राउंड वर्कर सक्रिय हैं। हालांकि इनमें से कई लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका हैं|
(3) 3एम – मजहबी कट्टरपंथी : धर्म के नाम पर भड़काने वालों पर भी नजर
जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए मजहबी नेताओं, उलेमा व मौलवियों की भूमिका को संज्ञान में लिया गया है। ऐसे कट्टरपंथियों की कड़ी निगरानी की जा रही है और यदि ये लोग भ्रामक मंच का इस्तेमाल करते हुए जिहादी भावनाओं को उकसाकर हिंसा भड़काने की कोशिश करते हैं, तुरंत उन्हें गिरफ्तार कर लिए जाएगा। ऐसे में यदि इनका कोई पुराना रिकॉर्ड नहीं होगा तो उन्हें सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया जाएगा, लेकिन यदि इनका पहले भी राष्ट्रविरोधी व अलगाववादी गतिविधियों में रिकार्ड रहा तो इसके खिलाफ पीएसए व अन्य कानूनों का इस्तेमाल होगा। इसके अलावा प्रशासन विभिन्न मजहबी संगठनों और मौलवियों के साथ लगातार संपर्क में रहते हुए जिहादी तत्वों से निपटने व कानून-व्यवस्था बनाए रखने में उनकी सहायता ले रहा हैं|
(4) 4एम – माबस्टर्स : पत्थरबाजों का भी डाटा तैयार, होगी कड़ी कार्रवाई
इसके तहत सुनियोजित तरीके से पत्थरबाजी और राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों का संचालन करने वाले और पथराव में हिस्सा लेने वाले लोगों पर लगाम लगाने की रणनीति है। इसके लिए सभी पुराने और पेशेवर पत्थरबाजों की एक सूची तैयार की गयी और उनकी गिरफ्तारियों को अमल में लाया जा रहा है, पथराव में लिप्त पहली बार पकड़े गए 16 वर्ष तक के किशोर को उसके 20 परिजनों व निकट संबंधियों द्वारा बनाए जाने वाले जमानती बॉन्ड के आधार पर तत्काल रिहा कर दिया जाएगा। हालांकि इसके साथ ही, उसे हिंसा व राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से दूर रखने में उसके परिजनों को उसकी जिम्मेदारी लेनी होगी| लेकिन यदि वह दोबारा पकड़ा जाता है या फिर वो पुराना पत्थरबाज है तो उसके खिलाफ कानून के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी|
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