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मुंबई से बच्ची को किया था Kidnap, 9 साल बाद कुछ यूं लौटी घर… ऐसी थी पूजा के किडनैपिंग की कहानी

News Desk : संतान का सुख भगवान जिसको नहीं देता वह शायद ही भगवान को ही कोसता हैं क्योंकि उसकी मर्जी के आगे किसी के नहीं चलती, पर बच्चे के मोह में किसी दूसरे के बच्चे को चुराने का मामला अक्सर सामने आता है। ऐसा ही एक मामला मुंबई (Mumbai) से सामने आया है, जिसमें Kidnap लड़की 9 साल बाद अपने असली परिजनों के पास पहुंच चुकी है। इसमें सोशल मीडिया (social Media) के साथ ही साथ एक पुलिसकर्मी की खोज भी रंग लायी। बच्ची (Baby Girl) साल 2013 में स्कूल (School) के पास से गायब हुई थी जिससे अब अगवा (Kidnap) करवाने वाला बेबी सिटिंग (Babysitting) का काम लेता था क्योंकि उसे खुद एक बच्चा हो गया था। फिलहाल मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने व्यक्ति को जेल भेज दिया है जबकि उसकी पत्नी की निगरानी की जा रही क्योंकि सके पास 6 माह का बच्चा (Child) है जिसे संभालने वाला कोई नहीं है।

एक बच्चे के खोने का दर्द कितना असहनीय होता है, ये सोच कर ही हर मां बाप का दिल सहम सा जाता है। शायद वो इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते, लेकिन सोचिए एक बच्ची (Baby Girl) जो महज 7 साल की उम्र में अपने मां-बांप (Parents) से अचानक दूर कर दी गई हो, और घर से कुछ मीटर की दूरी पर ही हो फिर भी उन्हें पता ना चले कि उनकी परी उनके करीब है और वो इस बात से अनजान हो। ये शायद सुनने में थोड़ा अजीब (Strange) लग रहा हो कि ये क्या बात कर रहें हम।

Kidnap

तो चलिए आज हम आपको आपको एक ऐसी सच्ची घटना (True Incident) से रूबरू कराने जा रहें जिसे जानकर आपको इसपर यकीन करना मुश्किल होगा। वैसे तो आपने फिल्मों में कई अपहरण (Kidnap) की कहानियां देखी और सुनी होंगी। शायद आपके कहीं आस-पास भी ऐसी घटनाएं घटित हुई हो, लेकिन आज हम आपको जो घटना बताने जा रहें वो किसी फिल्मी कहानी से कम ना लगेगी। इस कहानी को जानकर आपका मन द्रवित हो उठेगा…’

दरअसल, ये कहानी 9 साल तक अपनी पहचान से जूझती रही एक मासूम बच्ची (Baby Girl) की है। जब एक आदमी ने संतान की चाह में उसे सात साल की उम्र में स्कूल (School) के रास्ते से अगवा कर लिया था। जब उस आदमी का अपना बच्चा हुआ, तो लड़की से नौकरानी (Maid) जैसा काम कराने लगा। आरोपी की पत्नी लड़की से मारपीट भी करती। इसी दौरान आरोपी ने नशे में कह दिया कि वह उनकी संतान नहीं है, बल्कि उसे उठाकर लाए थे।

9 साल पहले स्कूल के पास से Kidnap किया

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हम बात कर हें है मुंबई (Mumbai) की सात साल की पूजा गौड़ (Pooja Gaur) की, जो 22 जनवरी 2013 को अपने भाई के साथ स्कूल (school) जा रही थी। इसी दौरान भाई-बहन में पॉकेट मनी को लेकर झगड़ा हुआ और वह पीछे रह गई। आरोपी जोसेफ डिसूजा ने स्कूल के पास लड़की को भटकते हुए देखा। वह और उसकी बीवी सोनी (Soni) लंबे समय से संतान के लिए तरस रहे थे। उसने बच्ची को अगवा कर लिया।

पूजा को भेज दिया कर्नाटक

पुलिस की छानबीन शुरू होने के बाद मीडिया (Media) ने भी मामले को रिपोर्ट करना शुरू किया और स्थानीय लोगों ने पूजा (Pooja) को ढूंढ़ने का कैंपेन चलाया। आरोपी डिसूजा को डर था कि अगर बच्ची को ढूंढ़ लिया गया, तो उसके और उसकी पत्नी के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी। उसने पूजा को कर्नाटक के रायचूर में एक हॉस्टल में रहने भेज दिया।

अपना बच्चा होने पर बुलाया वापस, कराने लगे बेबी सिटिंग

2016 में डिसूजा और सोनी (Soni) के घर बच्चा पैदा हुआ। दो बच्चों का खर्च उठाने में दिक्कत आने के बाद डिसूजा ने पूजा को कर्नाटक (Karnataka) से वापस बुला लिया। उन्होंने उसे बेबी सिटिंग के काम पर लगा दिया। उन्होंने अपना घर भी बदल लिया। वे लोग अंधेरी (पश्चिम) के उसी गिल्बर्ट हिल इलाके में आकर रहने लगे, जहां पूजा का असली घर था।

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​​​​​इस मामले में डीएन नगर के सीनियर इंस्पेक्टर मिलिंद कुर्दे (Milind Kurde) ने बताया कि डिसूजा को लगा था कि लड़की के बड़े हो जाने के चलते उसे कोई पहचान नहीं पाएगा। उसके ‘गुमशुदा की तलाश’ वाले पोस्टर्स भी हट चुके थे। उन्होंने लड़की से भी कह दिया था कि इलाके में किसी से बात न करे।

पूजा के अंकल ने बताया कि डिसूजा की पत्नी सोनी उसे मारती-पीटती थी। डिसूजा शराब के नशे में उसे कहता था कि 2013 में उसे कहीं से उठा लाया था। इस बात से पूजा को समझ आया कि वे दोनों उसके माता-पिता नहीं हैं, लेकिन वह उन दोनों से इतना डरती थी कि उसे समझ नहीं आता था वहां से कैसे भागे।

फिर समय बीतता गया और फिर जो होने वाला था शायद उसकी कल्पना खुद गुमशुदा बच्ची और उसके मां-बाप ने भी ना की हो। बच्ची को अपने परिवार से अलग हुए 9 साल हो गए थे। साल 2022 में वह बच्ची 16 साल की हो गई, और किस्मत का खेल देखिए वे मुंबई के अंधेरी पश्चिम इलाके में अपने घर से 500 मीटर दूरी पर ही रह रही थी, लेकिन उसे इस बात की खबर नहीं थी। आखिरकार, 4 अगस्त 2022 को वो दिन आ ही गया जब रात करीब 8:20 बजे वह अपने परिवार से 9 सालों बाद मिली।

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इस तरह पूजा ने खुद को पहचाना

बता दें कि, जिस घर में पूजा (Pooja) 7 महीने से बेबी सिटर के तौर पर काम कर रही थी, वहां की हाउस हेल्प ने पूजा की मदद की। पूजा की कहानी सुनने के बाद हाउस हेल्प ने गूगल पर लड़की का नाम, मिसिंग और डिसूजा नाम डालकर सर्च किया, जिससे उस समय लड़की को ढूंढ़ने के कैंपेन से जुड़े आर्टिकल (Article) मिले।

आर्टिकल्स में अपनी तस्वीर देख पूजा को आया सब याद

पूजा के अंकल ने बताया कि उन आर्टिकल्स (Articles) में अपनी तस्वीर देखने के बाद पूजा को सब कुछ याद आ गया। उसे अपना घर भी याद आ गया, जो पास ही था। पूजा को एक मिसिंग पोस्टर पर पांच फोन नंबर मिले। उसमें से चार काम नहीं कर रहे थे, लेकिन पांचवां नंबर पड़ोस में रहने वाले रफीक का था। वह नंबर काम कर रहा था।

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Video Call ने परिवार से मिलाया

रफीक ने फोन उठाया, तो पहले तो उसे शक हुआ। फिर उसने सबूत के तौर पर पूजा का फोटो मांगा। गुरुवार सुबह पूजा ने हाउस हेल्प की मदद से वीडियो कॉल किया, जिसका रफीक ने स्क्रीनशॉट लेकर पूजा की मां और अंकल को दिखाया। तस्वीर में पूजा को देखकर परिवार ने उसके काम करने की जगह की डिटेल्स निकालीं और डीएन नगर पुलिस स्टेशन को सूचना दी। जब पुलिस वहां पहुंची तो पूजा जिस बच्चे की बेबी सिटिंग करती थी, उसे घुमाने का बहाना करके नीचे आई। रात 8.20 बजे पूजा और उसकी मां 9 साल बाद मिले।

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जब 9 सालों बाद पूजा अपनी मां से मिली तो मानो उसकी खुशी का ठिकाना ना रहा, आंखें आंसुओं से डबडबाई हुई, लेकिन मन में मां मां के पास पास लौट आने की वो खुशी। पूजा ने कहा कि मैंने नौ सालों बाद अपनी माँ को देखा और मैं उनकी गोद में सिर रखकर सो पायी। मैं आख़िरकार बच निकलने में कामयाब हो गयी. मैं बहुत ख़ुश हूं। बस सोचती हूं कि काश पापा भी होते। मैं जब वापस आई तो मैं उन्हें तलाश रही थी लेकिन मुझे वो नहीं मिले।

डिसूजा पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग का केस

पुलिस ने डिसूजा दंपति के खिलाफ अपहरण, मानव तस्करी, गैर-कानूनी मजदूरी कराने समेत कई सेक्शंस में मामला दर्ज किया है। हैरी डिसूजा को पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है, जबकि उसकी पत्नी सोनी को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है, क्योंकि उनकी छह साल की बच्ची की देखभाल के लिए कोई और मौजूद नहीं है।

पुलिस फिलहाल 16 साल की पूजा का मेडिकल टेस्ट करा रही है। उसे बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाएगा, इसके बाद उसे उसके परिवार को सौंपा जाएगा। पुलिस ने एक टीम कर्नाटक भी भेजी है, ताकि वहां पूजा को कहां रखा गया था इसकी सटीक जानकारी मिल सके।

वो पुलिसवाला जिसने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी

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जब बच्ची स्कूल के बाद घर नहीं पहुंची, तो परिवार ने डीएन नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पूजा के लापता होने का मामला सबसे पहले असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर राजेंद्र धोंडू भोसले के पास आया। वे 2008 से 2015 के बीच गायब हुई 166 लड़कियों को ढूंढ़ने में लगे थे। 2015 में रिटायर होने तक उन्होंने 165 लड़कियों को ढूंढ़ निकाला था।

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पूजा, मिसिंग गर्ल नंबर 166 थी, जिसे उन्होंने रिटायर होने के 7 साल बाद तक ढूंढ़ना जारी रखा। पूजा के मिलने के बाद उन्होंने कहा कि आप पुलिसवाले के तौर पर रिटायर हो सकते हैं, लेकिन इंसानियत रिटायरमेंट के साथ खत्म नहीं हो जाती है। वह आपके मरते दम तक रहती है। एक बच्ची को खोने का दर्द अगर आप नहीं समझ सकते तो आप इंसान नहीं हैं।