निर्जला एकादशी को ऐसे करें शालिग्राम की पूजा, हर इच्छा होगी पूरी
एकादशी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इसलिए भगवान विष्णु का प्रिय पात्र बनने के लिए एकादशी का व्रत जरूर करे। वैसे तो हर साल आने वाली समस्त एकादशी अपने आप में महत्वपूर्ण मानी जाती है, लेकिन ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को विशेष महत्व दिया जाता है। इसे निर्जला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है जो साल की बड़ी एकादशियों में से एक है। इस दिन लोग निर्जला व्रत रखते हैं|
शालिग्राम की पूजा का विशेष महत्व
शास्त्रों के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए शालिग्राम पूजा का विशेष महत्व है। इस बार यह एकादशी 23 जून 2018 शनिवार को आ रही है। इस दौरान अपनी समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए व्रत शालिग्रामके साथ-साथ शालिग्राम की पूजा जरूर करें|
क्या है शालिग्राम
शालिग्राम के बारे में आप लोग तो जानते ही होंगे लेकिन फिर भी यदि आप नहीं जानते हैं तो हम आपको इसके बारे में बताते हैं| शालिग्राम एक काले रंग का पत्थर होता है। जिस प्रकार शिवलिंग को शिव का रूप माना जाता है, उसी प्रकार शालिग्राम को भगवान विष्णु का स्वरूप मानकर उसकी पूजा की जाती है। वैष्णव संप्रदाय के लोगों के घर में शालिग्राम अवश्य होता हैं|
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क्या है शालिग्राम पूजा के लाभ
मान्यतानुसार शालिग्राम में नकारात्मक ऊर्जा सोखने की अद्भुत क्षमता होती है। यह जिस भी घर में होता है वहां हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। यह घर और उसमें रहने वाले सदस्यों को सभी प्रकार की बुरी नजरों और परेशानियों से बचाता है। एक तरह से यह घर के सदस्यों की रक्षा करता है।
एकादशी के दिन क्या करें प्रयोग
यदि आप इस एकादशी का भरपूर लाभ उठाना चाहते हैं तो निर्जला एकादशी के दिन शालिग्राम की विशेष तरह से पूजा करें| यदि आपके द्वारा कड़ी मेहनत करने के बावजूद आपको सफलता नहीं मिल रही है तो एकादशी के दिन शालिग्राम को अपने पूजा स्थान में स्थापित करके, इस पर चंदन लगाएं और मिश्री और तुलसी के पत्तों का नैवेद्य लगाएं।
इसके बाद प्रतिदिन इसकी पूजा करे तथा इसके साथ ‘ऊं नमो नारायणाय’ मंत्र का जाप करें। आपको इसका लाभ 21 दिनों में नजर आने लगेगा| यदि आपका व्यापार ठीक ढंग से नहीं चल रहा है या फिर नौकरी में लंबे समय से प्रमोशन नहीं मिला है तो एकादशी का व्रत रखें और शालिग्राम पर चंदन से श्रीं लिखकर 108 तुलसी के पत्र अर्पित करें। इसके बाद सामने बैठकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
भाग्योदय करने में शालिग्राम का कोई सानी नहीं
माना जाता हैं की शालिग्राम की पुजा करने से आपका भाग्य बदल सकता हैं| यदि आपके घर में पैसा नहीं टिक रहा है, बीमारियों पर खर्च हो रहा है, या किसी को उधार दिया पैसा वापस नहीं आ रहा है तो शामिलग्राम को घर में स्थापित करें और नियमित पूजा करें। यदि जिनका विवाह नहीं हो रहा है तो वे लोग नियमित रूप से शालिग्राम पर गुलाब का एक फूल अर्पित करें| ऐसा करने से आपका विवाह शीघ्र हो जाएगा|