Interesting Fact : रात में डॉक्टर्स क्यों नहीं करते पोस्टमार्टम
जब किसी अपने की मौत होती हैं तो पूरा परिवार गमगीन होता हैं और गमगीन परिवार वालों को राहत देने के लिए सरकार विचार कर रही हैं| दरअसल मौत होने पर शव का रात में पोस्ट मार्टम नहीं किया जाता हैं और यहीं सवाल विधान सभा में उठा कि आखिर किस कारण डॉक्टर रात में पोस्टमार्टम नहीं करते हैं| बता दें कि विधान सभा में विधायकों ने मांग कि हैं की रात में ही पोस्ट मार्टम किया जाए लेकिन इस बारे में फोरेंसिक विभाग के डॉक्टरों ने कई तर्क प्रस्तुत किए हैं|
इसलिए रात में नहीं होता पोस्टमार्टम
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फोरेंसिक विभाग के डॉक्टरों ने कहा कि कृत्रिम रोशनी में चोट के निशान लाल की जगह बैंगनी दिखाई पड़ते हैं इसलिए रात में शव का पोस्ट मार्टम नहीं किया जाता हैं| हाल ही में विधायको ने तारांकित प्रश्न में यह सवाल पूछा की आखिर डॉक्टर 5 बजे के बाद पोस्ट मार्टम क्यों नहीं करते हैं? दरअसल सरकार पोस्ट मार्टम करने की समयावधि 5 से 8 बजे तक बढ़ाना चाहती हैं|
सरकार उन लोगों को राहत पहुंचाना चाहती हैं जो दूरस्थ गाँव में निवास करते हैं क्योंकि पोस्ट मार्टम होने के बाद उन्हें गमगीन अवस्था में भी शव लेने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती हैं| दरअसल पोस्ट मार्टम करने के बाद शव के ऊपर पाई गयी सभी निशानों और चोटों के रंग का वर्णन करना पड़ता हैं और चोट कब लगी या फिर मृत्यु कब और कैसे हुयी सभी चीजों के बारे विस्तारपूर्वक बताना पड़ता हैं|
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ऐसे में यदि डॉक्टर कृत्रिम लाइट में पोस्ट मार्टम करते हैं तो उन्हें रिपोर्ट बनाने में परेशानी होती हैं क्योंकि कृत्रिम लाइट में चोट के निशान लाल के जगह बैंगनी नजर आते हैं और साइंस में कभी भी बैंगनी चोट होने का कोई उल्लेख ही नहीं हैं| अर्थात डॉक्टर एलईडी, ट्यूबलाइट और सीएफएल की रोशनी में पोस्ट मार्टम नहीं करते हैं| हालांकि कई धर्मों में रात के समय शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता हैं|