अब भारत के इन 16 राज्यों में होगा सिर्फ एक ही इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर, जानें वजह
बीते गुरुवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुये आतंकवादी हमले के दर्द को भुलाया तो नहीं जा सकता हैं| लेकिन समय कहाँ रुकने वाला हैं और जिंदगी के इस जद्दोजहद में लोग अपने जीवन को सामान्य करने की कोशिश में लगे हैं| ऐसे में भारत सरकार देश में कई सुविधाएं बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं| दरअसल बहुत दिनों से इमर्जेंसी हेल्पलाइन नंबर 112 की बात चल रही थी और इसे 19 फरवरी को राजनाथ सिंह द्वारा लांच कर दिया गया और अब 16 राज्य और यूनियन टेरेटरी एक साथ इस नंबर को लांच कर रह हैं| हालांकि इस नंबर को साल 2017 में ही लांच कर दिया गया था लेकिन देश के कई राज्यों ने इसे अपनाया नहीं था, सिर्फ हिमाचल प्रदेश और नागालैंड ने ही इस नंबर को अपनाया था और अब 14 राज्य इस नंबर को अपना रहे हैं|
क्या हैं इमर्जेंसी 112 नंबर
इमर्जेंसी 112 नंबर अमेरिका के 911 की तरह ही कार्य करता हैं| इस नंबर के माध्यम से पुलिस, स्वास्थ्य, आग, महिलाओं की सुरक्षा इत्यादि की रिपोर्ट एक ही जगह लिखवाया जा सकता हैं|
कैसे इस्तेमाल होगा ये नंबर
कोई भी भारतीय नागरिक 112 नंबर को अपने मोबाइल में डायल कर इमर्जेंसी की रिपोर्ट लिखवा सकता हैं और यदि बहुत बड़ी इमर्जेंसी हो तो
अपने मोबाइल का पावर बटन तीन बार प्रेस करने पर भी 112 नंबर डायल हो जाएगा और यदि आपका फीचर फोन है तो 5 या फिर 9 बटन को थोड़ी देर तक दबाने पर भी यह नंबर डायल हो जाता हैं| इसके अलावा आप अपने मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर से 112 इंडिया एप स्टोर कर सकते हैं|
112 ही क्यों
जैसे ही 112 पर कॉल किया जाएगा वैसे ही पुलिस एक्शन लेगी और कॉल डिस्ट्रिक्ट कमांड सेंटर द्वारा रिसीव की जाएगी और तुरंत ही इमर्जेंसी गाड़ियां भेज दी जाएंगी| यह नंबर बच्चो और महिलाओं के लिए खास साउट फीचर देता हैं| बता दें कि इस नंबर को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, पुद्दुचेरी, लक्ष्यद्वीप, अंडमान, दादर नागर हवेली, दमन और दीव, जम्मू-कश्मीर जैसे लांच कर रहे हैं| इसके अलावा यह नंबर मुंबई में भी उपलब्ध होगा|
यदि फेक कॉल किया तो
यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री से करनी हो ऑनलाइन शिकायत तो अपनाएं ये प्रक्रिया, हर व्यक्ति को जानना होता है जरूरी
यह नंबर सिर्फ इमर्जेंसी होने पर ही किया जा सकता हैं| लेकिन कोई इस नंबर पर जानबूझ कर या फिर मज़ाक के तौर पर करता हैं तो उसे दंड भी दिया जा सकता हैं| इस नंबर पर फेक कॉल करने वाले लोगों को पुलिस आराम से ट्रैक कर सकती हैं|