बड़ा खुलासा : इस वजह से रोक दी गई है नोटों की प्रिंटिंग, जानकर दंग रह जाएंगे आप
आजकल नये नोटों का चलन हैं, और हर कलर में नये नोट आ रहे हैं परंतु इन नोटो की छपाई जिस स्याही से की जाती हैं, वो विदेश से आयात की जाती हैं। सरकारी टकसाल में स्याही की अनुपलब्धता के कारण 200 और 500 रुपए मूल्य के नोटो की छपाई को रोकना पड़ा| इस बात की पुष्टि एक यूनियन नेता और टेकसाल के एक कर्मचारी ने किया हैं, प्रेस वर्कर फेडरेशन के अध्यक्ष जगदीश गोडसे ने कहा, ‘नोटों की छपाई करने वाली स्याही आयात होती है।
यह स्याही अभी उपलब्ध नहीं है, इस कारण 200 और 500 के बैंक नोटों की छपाई रोकनी पड़ी है।’गोडसे के मुताबिक देश में नोटों की कमी का एक यह भी कारण हो सकता हैं। नासिक रोड स्थित यह प्रेस 2000 के नोटो को छोड़कर सभी नोटों को छापने में अग्रणी टकसाल हैं परंतु इसकी कोई जानकारी नहीं हैं की नोटों की छपाई कब से बंद हैं।
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इस समय में देखें तो देश में नकदी की किल्लत की स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा हैं, देश के लगभग सवा दो लाख एटीएम में से 80 फिसदी सामान्य ढंग से काम कर रहें थे। वित्त मंत्रालय, रिसर्व बैंक, बैंको और नकदी को एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाने वाली कंपनीयों के बीच आपसी तालमेल से स्थिति में काफी सुधार दर्ज हुआ हैं। उनके अनुसार आमतौर पर 10-12 फीसदी एटीएम किसी ना किसी कारण से कारणवश रख-रखाव के लिए बंद रहते हैं। यानि आम दिनों में भी 88 फीसदी एटीएम ही काम करते हैं। नकदी की किल्लत की खबरों के बीच 80 फीसदी एटीएम का संचालित होना सामान्य हैं।
स्टेट बैंक में स्थिति सामान्य
हमारे देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने खा हैं की पिछले 24 घंटे में उसके एटीएम में नकदी की उपलब्धता बढ़ीं हैं। नकदी की किल्लतों की खबर दक्षिण आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यो के तरफ से आयी हैं। सोचने वाली बात यह हैं की पिछले दो साल से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को सबसे ज्यादा नकदी की सप्लाई की गयी हैं, इस तरह के खबर से तो लगता हैं की इन राज्यो में बड़े नोटो की जमाखोरी की जा रहीं हैं।