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पीएम के संसदीय क्षेत्र काशी में बीच सिनेमा में क्यों लगने लगे ‘मोदी- मोदी’ के नारे

पीएम के संसदीय क्षेत्र काशी में बीच सिनेमा में क्यों लगने लगे ‘मोदी- मोदी’ के नारे

नरेंद्र मोदी की लोकसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद उनके जीवन पर आधारित फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी, उनके फैंस के लिए एक उपहार की तरह है। यह फिल्म बीते शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है। मोदी के फैंस और उनके समर्थक इस फिल्म को देखने के लिए बढ़-चढ़कर पहुँच रहे हैं। एक लम्बे विवाद के बाद आखिरकार इस फिल्म को रिलीज़ किया पिछले महीने लोकसभा चुनावों के कारण इस फिल्म पर रोक लगा दी गयी थी।

इस फिल्म ने पहले ही दिन बॉक्स ऑफिस पर करोड़ोंं रूपए बटोर लिए। फिल्म रिलीज़ के तीन दिन बाद अब दर्शकों की फिल्म को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया आ रही है और देशभर के सिनेमाघरों में अच्छा प्रदर्शन कर रही है।

पीएम के संसदीय क्षेत्र काशी में बीच सिनेमा में क्यों लगने लगे ‘मोदी- मोदी’ के नारे

पीएम मोदी की फिल्म ने दर्शकों में भरा जोश

इस फिल्म में अभिनेता विवेक ओबेरॉय नरेंद्र मोदी के किरदार को निभा रहे हैं। इस फिल्म में विवेक ओबेरॉय को 9 अलग-अलग लुक के रूप में दिखाया गया है। यह पहली बार है जब वह किसी बायोपिक फिल्म में वास्तविक जीवन का किरदार निभाया है। फिल्म में बोमन ईरानी, ​​मनोज जोशी, प्रशांत नारायणन, बरखा बिष्ट, राजेंद्र गुप्ता, जरीना वहाब और कई अन्य कलाकार भी अहम भूमिकाओं में नज़र आ रहे हैं।

पीएम के संसदीय क्षेत्र काशी में बीच सिनेमा में क्यों लगने लगे ‘मोदी- मोदी’ के नारे

सिनेमाहाल में ही दर्शक हुए उत्साहित

यह फिल्म नरेंद्र मोदी को एक सच्चे देशभक्त के रूप में दर्शाती है। यह फिल्म में उनके जीवन के हर मोड़ पर आयी चुनौतियों और उसके परिणाम को दिखाया गया है। “पीएम नरेंद्र मोदी” में एक युवा लड़का जो कि चाय बेचता है से लेकर 2014 में लोकसभा चुनाव जीतार प्रधानमंत्री बनने तक का सफर दिखाया गया है।

फिल्म में नरेंद्र दामोदरदास मोदी को चित्रित किया गया है, एक ऐसा नाम जिसे कई बार दोहराया जाता है। फिल्म में दिखाया गया है कि वह हमेशा दूसरों के बारे में सोचता रहते है, वह लालची नहीं है और शक्ति के भूखे भी नहीं है, वह अधिक से अधिक अच्छे पर ध्यान केंद्रित करते है, वह एक साधु से राजनीतिक सलाह लेते है, और उनका शादी करने का कोई इरादा नहीं है और उनमे एक आदर्श नेता और सबसे अनुचित राजनीतिज्ञ के गुण हैं।

पीएम के संसदीय क्षेत्र काशी में बीच सिनेमा में क्यों लगने लगे ‘मोदी- मोदी’ के नारे

हैरानी की बात यह है कि यह नरेंद्र मोदी के विवादास्पद अतीत को भी फिल्म में दिखाया गया है। उन्हें गोधरा दंगों के दौरान एक सुपर-सेकुलर मुख्यमंत्री के रूप में दिखाया गया है, जो वास्तव में सड़कों पर जाकर लोगों की मदद करता है। गुजरात में भूकंप और गुजरात दंगा पीड़ितों दोनों के लिए रक्तदान करते नजर आते हैं।

दर्शक इस फिल्म को बेहद पसंद कर रहे है वहीं वाराणसी का एक वाक्या सामने आया जिसमे के मोदी के समर्थक फिल्म के दौरान खड़े हो गए और मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे। फिल्म के बाद उनके कार्यकर्ता भी सिनेमाघर पहुंचे और वहां दर्शको को लड्डू भी बांटे। एक और वाक्या अमेरिका में रहने वाले मोदी समर्थक का भी सामने आया जिसने इस फिल्म को देखने के लिए पूरा सिनेमाघर ही बुक कर लिया।

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