सिरदर्द की समस्या से परेशान थी 8 साल की बच्ची, सिटी स्कैन में दिखा दिमाग में 100 से भी अधिक अंडा
टेपवर्म के 100 से अधिक अंडे हाल ही में एक 8 साल की बच्ची के मस्तिष्क से मिले हैं। इस 8 साल की बच्ची में यह बीमारी पहले सिरदर्द से शुरू हुई और फिर बढ़ने पर बच्ची को मिर्गी के दौरे भी पड़ने लगें। दिल्ली के एक हॉस्पिटल में इस 8 साल की बच्ची का ब्रेन ऑपरेशन हुआ है और बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है| लेकिन ऑपरेशन से पहले इस छोटी सी बच्ची को बहुत कुछ सहना पड़ा| आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में, ये कब, क्यों और कैसे होती हैं|
सिरदर्द की शिकायत
ये 8 साल की बच्ची गुरुग्राम की रहने वाली हैं| इस बच्ची को पिछले 6 महीने से सिरदर्द की शिकायत थी। दर्द बढ़ने पर उसे बार-बार दौरे पड़ने की भी शिकायत हो गयी। ऐसी हालत देखकर उस बच्ची के माता-पिता उसे हॉस्पिटल लेकर गए| डॉक्टर के मुताबिक यह कोई मिर्गी का दौरा नहीं हैं। इसके बाद डॉक्टर ने बच्ची का सिटी स्कैन करवाया| सिटी स्कैन के बाद पता चला की उस बच्ची के ब्रेन में 100 से ज्यादा सिस्ट मौजूद हैं। रिपोर्ट देखते ही डॉक्टर को समझ आ गया की यह टेपवर्म के अंडे हैं| इसे “न्यूरो-सिस्टीसरकोसिस” नाम की बीमारी कहा जाता है।
बच्ची के मस्तिष्क का ऑपरेशन
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बीमारी का पता चलने के बाद बच्ची के मस्तिष्क का ऑपरेशन किया गया और ऑपरेशन सफल रहा| डॉक्टर के मुताबिक अब बच्ची बिलकुल ठीक है। लेकिन सवाल यह उठता है कि ये अंडे मस्तिष्क में पहुंचे कैसे? डॉक्टर के मुताबिक साफ-सफाई न रखना, दूषित भोजन और अध-पकी चीजें खाने से टेपवर्म पेट में चले जाते हैं और बॉडी में ब्लड प्रवाह के साथ ये अलग-अलग पार्टो में पहुंच जाते हैं।
टेपवर्म क्या होता है
टेपवर्म को फ़ीताकृमि भी कहते हैं, यह एक प्रकार का जीव होता है। इस तरह के जीव परजीवी होते हैं| रिसर्च के मुताबिक टेपवर्म की 5000 से अधिक प्रजातियां पायी जाती हैं। इनकी लंबाई 1 मिमी से लेकर 15 मीटर तक होती हैं। इन जीवो के शरीर में डायजेस्टिव सिस्टम नहीं होता है।
ऐसे पहुंचता है शरीर में टेपवर्म
डॉक्टरों के अनुसार टेपवर्म का खतरा सुअर के मांस खाने वाले व्यक्तियों में ज्यादा रहता है। इसके अलावा दूषित पत्तागोभी और पालक जैसी सब्जियों से भी इसके फैलने का खतरा बना रहता है। खासतौर से बारिश के मौसम में इन सब्जियों को अच्छे से धूल कर ही सेवन करना चाहिए| अंडे से निकलने वाला लार्वा किसी भी वस्तु में चिपक जाता है और उसके जरिये यह मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाता हैं|
इस तरह सावधान रहे
डॉक्टरों के मुताबिक यदि अक्सर सिरदर्द की शिकायत हो रही है या फिर दौरे पड़ रहे हैं तो तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। व्यवहार में परिवर्तन इसका एक और लक्षण है।
इस बीमारी से इस तरह बचे
आप यदि चाहते हैं की आपको यह बीमारी ना हो तो आप सब्जियों के अच्छे से धो कर और पकाकर ही खाएं। खासतौर से पत्ते वाली सब्जियों को अच्छे से धोएँ| जहां तक संभव हो सके बारिश के मौसम में सलाद और कच्ची सब्जी के सेवन से बचे| इसके अलावा दूषित मांस-मछलियों का सेवन ना करे| पानी को हमेशा फिल्टर कर ही पिये|