अजब गजब : कुदरत का करिश्मा, यहां उल्टा बहता है पानी
लेह लद्दाख में एक जगह है मैगनेटिक हील ये जगह पूरे विश्व में मशहूर है। क्यूंकि ऐसा कहा जाता है कि यहां पर गुरुत्वाकर्षण बल काम नहीं करता । कहा जाता है कि यहां हल्की से लेकर भारी गाडियां खुद ब खुद बिना इंजन स्टार्ट किए चलने लगती हैं। इस नजारे को देखने के लिए पूरी दुनिया से लोग जब भी लेह लद्दाख जाते हैं तो इस जगह जरूर जाते हैं जहां ये घटनाएं घटित होती है। यहां का नज़ारा एक अद्भुत अनुभूति देता है।
लेकिन क्या आपको पता है कि लेह लद्दाख के अलावा भी एक और जगह ऐसी है जहां एकदम ऐसी ही घटना घटित होती है। बता दें कि अभी इस जगह के बारे में पता हुए शोधकर्ताओं को कुछ ही वक्त बिता है ।तो जैसे ही उन्हें इस अद्भुत जगह के बारे में जानकारी हुई ठीक उसी वक्त से यहां पर दूर दूर से देश विदेश के लोगों का आना जाना शुरू हो गया। आपको पता ही होगा कि पानी हमेशा उपर से नीचे की ओर बहता है और ये प्रकृति का सिद्धांत भी है। परंतु आज हम आपको ऐसे जगह के बारे में बताएंगे जहां प्रकृति के सिद्धांतों के विपरित पानी नीचे से उपर की ओर बहता है। तो चलिए जानते हैं कि ये जगह कहा हैं और ऐसी घटनाएं वहां कैसे घटित होती हैं।
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कहां है ऐसी जगह
ये जगह छत्तीसगढ़ में स्थित है और इसे उल्टा पानी के नाम से जानते हैं। ये इलाका अंबिकापुर से 56 किमी दूर मैनपाट कि गोद में बसे विसरपानी गांव में स्थित है । यहां पर मुख्यमंत्री सड़क योजना के किनारे एक पत्थर के नीचे से निकलकर पानी की धारा उपर पहाड़ी की तरफ 2 किमी तक जाती है। इसे देख कर सभी हैरान हो जाते हैं। इस पानी के बारे में किसी वैज्ञानिक या कोई खोजकर्ता के जरिए नहीं पता कि गई है बल्कि वहां विसरपानी गांव के पंचायत ने कि है। इस जगह के अजूबे और भी देशों में मौजूद है।
कैसे घटित होती है ऐसी घटना
इसके बारे में शोधकर्ता कहते हैं कि ये कोई जादू नहीं है बल्कि ये हमारी आंखों का धोखा है। वे कहते हैं कि वहां की जगहों कि बनावट ही ऐसी होती है कि जिससे हमे ये लगता है कि गाड़ी खुद ब खुद उपर चढ़ रही है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्यूंकि असल में वो गाड़ी नीचे की ओर ही जा रही होती है ।
अगर आप इस जगह पे जाएंगे और उपर की ओर चढ़ेंगे तो आपको नहीं थकान होगी और नहीं आपकी सांसे फुलेंगी। और जैसे ही आप नीचे की तरफ उतरेंगे तो आपको थकान लगेगी। अगर आप भी प्रकृति द्वारा रचित इस घटना को देखना चाहते हैं तो आपको लेह लद्दाख जाने की जरूरत नहीं है आप इस घटना को छत्तीसगढ़ जा कर भी देख सकते हैं।