शनिचरी अमावस्या पर बन रहा है त्रिग्रही योग, इनमें से करें कोई भी एक उपाय, ढैया, साढ़ेसाती, पितृ दोष, कालसर्पदोष, से मिलेगी मुक्ति
4 मई को शनिवारी अमावस्या हैं और जब सूर्य, चंद्रमा एक राशि में आते हैं और उस तिथि में शनिवार आ जाए तो यह अमावस्या मोक्षदायिनी हो जाती हैं| साल 2019 में कुल मिलाकर 3 अमावस्या, पहली जनवरी में पड़ी थी, दूसरी 4 मई को हैं और तीसरी सितंबर को पड़ेगी| यह अमावस्या इसलिए भी खास हैं क्योंकि यह वैशाख माह में पड़ रहा हैं और इस दिन त्रिग्रही योग बन रहा हैं| भविष्यपुराण के मुताबिक शनिवारी अमावस्या के दिन शनिदेव का पूजन विशेष फलदायी होता हैं और यदि आप शनिदेव के अच्छे फल प्राप्त करना चाहते हैं तो शनिवारी अमावस्या के दिन शनिदेव का विधि-विधान पूर्वक आराधना करे|
दरअसल एक मनुष्य के जीवन में तीन बार साढ़ेसाती और दो ढैया आती हैं और 19 साल की महादशा शनि की रहती हैं| इसके अलावा कहा जाता हैं कि तीसरी शनि की साढ़ेसाती में इंसान बचता नहीं हैं, लगभग 31 साल तक एक मनुष्य को शनि के अच्छे और बुरे प्रभाव छेलने पड़ते ही हैं| जिन्हें शनि ग्रह की परेशानी झेलनी पड़ती हैं वो इस ग्रह को शांत करके रखे तो आपको लाभ की प्राप्ति होती हैं| ऐसे में आज हम आपको कुछ काम बताने जा रहे हैं जिन्हें करने से आपको साढ़ेसाती, ढैया, पितृ दोष, कालसर्पदोष, सभी से मिलेगी मुक्ति जाएगी|
उपाय
(1) उड़द दाल की खिचड़ी दान करे|
(2) तिल से बने पकवान, उड़द से बने पकवान गरीबों को दान करे|
(3) शनिवारी अमावस्या के दिन रात के समय शनि चालीसा का पाठ करे, इसके अलावा आप शनि मंत्रो और हनुमान चालीसा का पाठ करे|
(4) इस दिन से काले रंग का श्वान पालें और उसकी सेवा करें।
(5) शनिवारी अमावस्या के रात में 8 बादाम और 8 काजल की डिब्बी काले वस्त्र में बांधकर संदूक में रखे|
(6) इस दिन पीपल के पेड़ पर सात प्रकार के अनाज चढ़ाएँ और सरसों के तेल का दीपक जलाएं|
(7) शनिवारी अमावस्या के दिन शनि यंत्र, शनि लॉकेट, काले घोड़े की नाल का छल्ला धारण करे|
(8) इस दिन आप नीलम या कटिउयल रत्न धारण करे|
(9) इस दिन शनिदेव के मंदिर जाए और नीले रंग के पुष्प, बेलपत्र अर्पित करे|
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(10) जो शनि के प्रभाव के कारण संतानहीन हैं उन्हें आज के दिन कटहल का भोग शनिदेव को लगाना चाहिए|