धोनी ने एक बार फिर दिखाई दरियादिली, स्टेडियम के बाहर चाय बेच रहे अपने पुराने दोस्त के लिए किया ये काम
पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी विनम्रता के प्रतीक हैं, धोनी को उनकी विनम्रता और दयालुता के लिए जाना जाता है। उन्हें जब भी मौका मिलता है वह ज़रूरतमंदो की मदद करने में पीछे नहीं रहते। इसी साल जनवरी में हुए पुलवामा अटैक में भी धोनी ने बीसीसीआई से मिलकर शहीद हुए जवानो के परिवार को 20-20 लाख रूपये की मदद पहुंचाई थी। धोनी की यही दरियादिली अक्सर ही देखने को मिलती है। हम आपको माही से जुड़े ऐसे वाकये के बारे में बताएँगे जब उन्होने अपनी विनम्रता से हम सबका दिल जीत लिया था।
धोनी ने कुछ इस तरह दिखाई दरियादिली
कुछ समय पहले की बात करें जब पूर्व भारतीय कप्तान ने 109 गेंदों पर 127 रनों की पारी खेली थी, जिससे उनकी राज्य टीम झारखंड को विजय हजारे ट्रॉफी में पहली जीत मिली। लेकिन मैच जीतने के बाद माही की खुशी और संतुष्टि तब और भी खास हो गई जब उन्होंने खड़गपुर से आय अपने पुराने दोस्तों को देखा, जहां उनका क्रिकेटिंग करियर शुरू हुआ था। धोनी के ग्यारह साथियों ने मैच के बाद ईडन गार्डन्स में आकर उन्हें एक विशेष सरप्राइज दिया था।
माही के पूर्व रणजी टीम के साथी सत्यप्रकाश कृष्ण, खड़गपुर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन प्रदीप सरकार, रॉबिन कुमार, आनंद कुमार, रामू कुमार, थॉमस, अनिकेत दास उन ग्यारह दोस्तों में शामिल थे, जो ईडन गार्डन्स में माही से मिलने आए थे। धोनी क्रिकेट के इतिहास में अपना नाम रखने से पहले, धोनी ने खड़गपुर स्टेशन पर एक जूनियर ट्रेन टिकट निरीक्षक (TTI) के रूप में काम किया करते थे। यहाँ पर माही ने अपना अधिकांश समय बिताया और काफी बार चाय और गर्म दूध के लिए अपने प्यार के कारण थॉमस के नाम से जाने जाने वाले चाय स्टाल के मालिक के पास जाया करते थे, जिससे उनकी अच्छी दोस्ती हो गयी थी।
माही का प्यार पाकर फुले नहीं समाये थॉमस
मैच के बाद जब धोनी स्टेडियम से बाहर जा रहे थे तब ड्रेसिंग रूम के ठीक बाहर उन्होंने अपने दोस्त थॉमस को पाया। जब माही ने थॉमस को देखा और तुरंत गले लगाया और फिर उन्हें होटल में आने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि, “मै तुम्हे अच्छा डिनर करवाऊंगा।” माही के जाने के बाद, थॉमस बिल्कुल अवाक हो गए थे और मीडिया से अपनी बातचीत में बताया कि “जब माही भाई खड़गपुर में थे, तो वह चाय पीने के लिए दिन में दो या तीन बार मेरी दुकान पर आ जाया करते थे। कई बार मैंने उन्हें गर्म भी दूध पिलाया है। आज की घटना के बाद, मैं खड़गपुर वापस जाऊंगा और अपनी दुकान का नाम “धोनी टी स्टाल” रखूंगा।
माही के जीवन पर आधारित बनी फिल्म “द अनटोल्ड स्टोरी: एम एस धोनी” में भी यह दर्शाया गया था कि कैसे उनके दोस्तों ने उनकी सफलता में एक बड़ी भूमिका निभाई है। हालाँकि, कैप्टन कूल अपने दोस्तों के बलिदानों और उनके योगदानों के लिए आज भी शुक्रगुजार हैं।