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गलती से भी आज देवउठनी एकादशी की सुबह ना करें यह काम, जाने क्या है वजह

गलती से भी आज देवउठनी एकादशी की सुबह ना करें यह काम, जाने क्या है वजह

आज देवउठनी एकादशी का पर्व समूचे भारत में मनाया जा रहा है। जैसा की हम सभी जानते है हमारा देश साधू संतों का देश भी कहलता है क्योंकि यहाँ सदियों से पुजा पाठ को विशेष महत्व दिया जाता रहा है। शास्त्रों में कहा गया है की देवताओं के दिन-रात धरती के छह महीने के बराबर होते हैं। इसी आधार पर जब वर्षाकाल प्रारंभ होता है, तो देवउठनी एकादशी को देवताओं की रात्रि प्रारंभ होकर शुक्ल एकादशी यानी देवउठनी एकादशी तक छह माह तक देवताओं की रात रहती है।

गलती से भी आज देवउठनी एकादशी की सुबह ना करें यह काम, जाने क्या है वजह

आपको बताना चाहेंगे कि इस दौरान तुलसी की पूजा से ही देवपूजा का फल मिलता है। बता दे की एकादशी का पर्व श्रीहरि विष्णु और उनके अवतारों के पूजन का पर्व है, इस दिन भगवान श्रीहरि की सबसे अद्भुत एकादशी मानी जाती है जो’ कार्तिक माह की एकादशी होती है और कहा जाता है की इसी दिन श्रीहरि जागते हैं और आज के ही दिन वो अपनी प्रिय तुलसी से विवाह करते हैं। चूंकि आज का दिन काफी ज्यादा महत्व रखता है और इसी कारण आज के दिन कुछ ऐसे कार्य है जिन्हे करने के माना किया जाता है।

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गलती से भी आज देवउठनी एकादशी की सुबह ना करें यह काम, जाने क्या है वजह

आइए जानते हैं इस दिन वह कौन-कौन से कार्य है जो हमे नहीं करने चाहिए

सबसे पहले तो आपको बताना चाहेंगे की आज एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए, ऐसा माना जाता है की चावल खाने से व्यक्ति का मन चंचल होता है और प्रभु भक्ति में मन नहीं लगता है।

कहा जाता है की एकादशी की सुबह दातून नहीं करना चाहिए, ना ही किसी किसी पेड़-पौधे की फूल-पत्ती तोड़ना चाहिए।

आज एकादशी के शुभ पर्व के दिन आप व्रत करें या ना करें मगर आज के दिन ब्रह्माचर्य का पालन अवश्य करें, इस दिन धैर्य रखना बेहद जरूरी है, इसके साथ ही आपको बता दे की आज के दिन क्रोध बिलकुल भी ना करें।

एकादशी को रोज की तरह अपने मुलायम और आरामदायक बिस्तर को त्याग कर जमीन पर सोना चाहिए साथ ही मांस, मदिरा इत्यादि का सेवन गलती से भी ना करे।

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