प्रसव के दौरान बाहर आ गई इस महिला की बच्चेदानी, होने लगी इतनी ब्लीडिंग की हो गई उसकी मौत
सिविल अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं लापरवाही की चरमसीमा पर पहुँच गयी हैं। ऐसे ही डॉक्टरों की लापरवाही का केस सामने आया हैं| इस लापरवाही के चलते एक महिला ने बच्चे को जन्म देते समय दम तोड़ दिया। महिला की मौत होने की वजह से आक्रोशित परिजनों ने सिविल अस्पताल के खिलाफ प्रदर्शन, नारेबाजी की और मौत के लिए सिविल अस्पताल के प्रबंधकों को जिम्मेदार ठहराया।
मरने वाली महिला की पहचान सपना जिसकी उम्र मात्र 25 साल के रूप में हुई है। परिजनों का आरोप है कि डिलीवरी के बाद डॉक्टर ब्लीडिंग रोकने में सफल नहीं रहे| इस वजह से उनकी बेटी को बचाया ना जा सका। इतना सब होने के बाद मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय डॉक्टरों के पैनल का गठन किया गया है। आइए जानते हैं क्या था मामला…
लापरवाही की हद यह हैं की होशियारपुर सिविल अस्पताल में गायनेकोलॉजिस्ट के न होने की वजह से नर्सों और अन्य विभाग के दूसरे डॉक्टरों की मदद से डिलीवरी कराई जाती है। ऐसे ही एक केस 12 मार्च को सामने आया था, जिसमें लापरवाही के कारण प्रसूता की जान चली गयी|
बिना सुविधा के एंबुलेंस में किया रेफर
परिजनों से पता चला हैं कि सपना (25) की शादी 7 साल पहले नानक नगर (लुधियाना) के दीपक कुमार उर्फ दीपू से हुई थी। सपना का एक 4 साल का बेटा है और दूसरे बच्चे के जन्म के लिए सपना को रविवार 22 अप्रैल को शाम 7 बजे सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। सोमवार दोपहर को 12 बजे नॉर्मल डिलिवरी से उसने बेटे को जन्म दिया, लेकिन ब्लीडिंग न रुकने की वजह से हालत बिगड़ती गई। इस तरह की हालत देख कर सपना को एक बोतल खून भी चढ़ाया गया। सपना का केस संभालने के लिए पूर्व गायनी और जिला फेमिली वेलफेयर ऑफिसर डॉ. राजेन्दर राज के साथ बेहोशी के डॉक्टर को भी बुलाया गया।
सपना की कंडीशन लगातार खराब होती जा रही थी। ज्यादा ब्लीडिंग होने की वजह से सपना को खून की कमी हो गयी जिसकी वजह से डॉक्टरो ने उसे बेहोशी का टीका भी नहीं दिया। सपना की बिगड़ती हालत देखकर डाक्टरों ने दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया| दूसरे अस्पताल ले जाते समय बलाचौर में ही एंबुलेंस में सपना की मौत हो गई। अस्पताल के स्टाफ की माने तो डिलिवरी के समय ही सपना की बच्चेदानी डैमेज हो गई और ब्लीडिंग होने लगी| सपना के पति दीपक कुमार ने बताया कि जिस एंबुलेंस में सपना को चंडीगढ़ भेजा गया, उसमें सुविधा नाम की कोई चीज नहीं थी।
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बहुत क्रिटिकल कंडीशन थी : डॉ राजेन्दर राज
डॉ राजेन्दर राज के अनुसार, जब उन्हें केस को हैंडल करने के लिए बुलाया गया तो उस वक्त तक सपना की कंडीशन बेहद खराब हो चुकी थी। ब्लीडिंग ज्यादा हो रही थी। आईसीयू की सुविधा न होने की वजह से सपना को चंडीगढ़ रेफर किया गया। डॉ राजेन्दर राज ने कहा कि पोस्टमार्टम में स्पष्ट हो पाएगा कि सपना की मौत की असली वजह क्या थी।
परिजनों ने की कार्रवाई की मांग
सपना की मौत के बाद परिवार वालो ने केस से संबन्धित डाक्टरों और स्टाफ के खिलाफ कारवाई की मांग की हैं| परिवार वालो ने सपना की लाश को लेकर अस्पताल पहुंचे और उनके साथ 100 से ज्यादा रिश्तेदार और करीबी शामिल थे। उन्होंने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और रास्ता जाम कर दिया।
ज्यादा ब्लीडिंग होने से हुई मौत : डॉ जसविंदर सिंह
पोस्टमार्टम होने बाद डॉक्टर जसविंदर सिंह ने बताया कि प्राथमिक स्तर पर सपना की मौत ज्यादा ब्लीडिंग की वजह से हुई है और वह जल्द ही रिपोर्ट सौंप देंगे।