मैदान पर हर किसी को धोने वाले युवराज सिंह ने लिया सन्यास, बताते समय हुए भावुक
भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर और टीम को वर्ल्डकप 2011 में चैंपियन बनाने में युवराज सिंह ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। मुंबई के एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन करते हुए युवी ने इसकी घोषणा की। इस दौरान सिक्सर किंग युवी काफी भावुक भी हो गए। साल 2000 में भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाले युवराज सिंह 2019 क्रिकेट वर्ल्ड कप में खेलना चाहते थे मगर यूवी काफी समय से काफी समय से टीम से बाहर चल रहे थे और अभी मौजूदा वर्ल्ड कप की टीम में अभी उन्हें चुना नहीं गया था।
बेहद शानदार रहा है युवराज सिंह का कैरियर
युवराज ने भारत के लिए 304 वनडे में 8 हजार 701 रन बनाए हैं। युवी ने साल 2000 में केन्या के खिलाफ वन-डे में डेब्यू किया था और अपना आखिरी एकदिवसीय मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था। युवराज ने अपना टेस्ट डेब्यू न्यूजीलैंड के खिलाफ साल 2000 में पंजाब के मोहाली के मैदान पर किया था और अपना आखिरी टेस्ट मैच इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता में खेला था। युवी ने 40 टेस्ट की 62 परियों में 1900 रन बनाए हैं।
टी-20 में भी बनाया है कई रिकॉर्ड
58 टी-20 मैच खेलते हुए युवराज ने 499 रन ठोके हैं। टी-20 में ही इंग्लैंड के खिलाफ युवी ने छह छक्के लगाकर इतिहास रच दिया था। युवराज ने अपना आखिरी टी-20 मैच इंग्लैंड के खिलाफ बैंगलोर में खेला था।
बता दें कि युवराज इस साल IPL में मुंबई इंडियंस की ओर से खेलते नजर आए थे, लेकिन उन्हें अधिक मौके नहीं मिल पाए। भारतीय टीम में उन्होंने वापसी करने की कोशिश की लेकिन असफल रहे, शायद यही कारण है कि वह अपनी भविष्य की योजनाओं पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।
2011 वर्ल्डकप को जिताने में अहम भूमिका निभाई थी और वो प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने थे। हालांकि इसके बाद कैंसर की बीमारी से जूझने के बाद उन्होंने न केवल भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी की बल्कि अपने प्रदर्शन से हर किसी पर असर छोड़ा। युवराज को भारतीय क्रिकेट टीम को एंटरटेनर क्रिकेटर माना जाता था. गेंद को हिट करने की उनकी क्षमता जबर्दस्त थी। फिलहाल अपने सन्यास की घोषणा के बाद यूवी चाहते हैं की वो आईसीसी से मान्यता प्राप्त कर विदेशी टी-20 लीग में फ्रीलांस कैरियर बनाएँ।