साढ़े पाँच वर्षों बाद फिर से ताज़ा हो गया निर्भया केस, आधी रात को राहुल गांधी ने इंडिया गेट पर निकाला कैंडल मार्च
देश में दरिंदगी की हद जिस तरह से अपनी हद पार करती जा रही है वो निश्चित रूप से देश के भविष्य के लिए कहीं से भी बेहतर संकेत नहीं दे रहा है। कठुआ में 8 वर्ष की मासूम सी बच्ची के साथ दरिंदगी और इससे पहले उन्नाव में हुए दुष्कर्म की घटनाएँ लोगों के सब्र का बांध तोड़ रही है।
बता दें की इस घाटआके विरोध में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आधी रात को इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकाला। बताया जा रहा है की राहुल के साथ साथ इस प्रदर्शन में उनकी बहन प्रियंका वाड्रा, रावर्ट वाड्रा समेत काफी भरी संख्या में कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता और आम लोग भी शामिल थे।
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हालांकि UPA अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस पूरे मामले पर कहा की हम इस मार्च को किसी भी तरह से राजनीति से नहीं जोड़ रहे है, ये मार्च देश में महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रहे अत्याचार को रोकने के लिए किया गया है क्योंकि आए दिन इस तरह के मामले देखने को मिल रहे है मगर बावजूद इसके सरकार ऐसे मामलों में कुछ भी नहीं कर रही है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को महिलाओं की सुरक्षा के लिए तत्काल रूप से कोई कदम उठाना चाहिए।
पुलिस ने रोका, घेरा तोड़कर बढ़ गए आगे
बता दें की काँग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने रात 9:39 पर अपने टिवीटर हैंडेल से ट्वीट किया, “आधी रात को इंडिया गेट चलो। इसके बाद वे खुद रात के करीब 11.55 पर मानसिंह रोड पर मार्च में शामिल हुए और फिर इसके बाद 12 बजे इंडिया गेट पर भी पहुंचे। हालांकि पुलिस ने उन्हे और अन्य सभी को रोकने की पूरी कोशिश की मगर तमाम कोशिशों के बाद भी राहुल घेरा तोड़कर इंडिया गेट की तरफ बढ़ गए। जहां पर वो अपने कार्यकताओं के साथ कुछ देर के लिए जमीन पर ही बैठे रहे।
आपको बता दें की इस मार्च में राहुल के साथ प्रियंका, रॉबर्ट वाड्रा और उनके बच्चे भी शामिल थे। बताया जाता है की रात के करीब एक बजे राहुल गांधी मार्च वाली जगह से लौट गए। आपको यह भी बताते चलें की इस मार्च में काँग्रेस पार्टी के तमाम गणमान्य लोग भी शामिल थे जिनमे अशोक गहलोत, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, दिग्विजय सिंह, रणदीप सिंह सूरजेवाला, आरपीएन सिंह और गुलाम नबी आजाद आदि मुख्य लोग थे।
एक बार फिर से इंडिया गेट पर छाया निर्भया कांड जैसा मंजर
आपको बता दें की इससे पहले की राहुल गांधी इंडिया गेट पर पहुंचते उससे पहले ही दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से लोग अपने बच्चों के साथ यहां पहुंचने लगे थे। इतनी भरी भीड़ जुट जाने से ऐसा मंजर हो गया था जिससे आज से करीब साढ़े पाँच वर्ष पहले 2012 में हुए निर्भया कांड की भी याद ताजा हो गई। इस मार्च में निर्भया के माता-पिता भी शामिल हुए।