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बेहद ही ज्यादा कठिन होती है चीयरलीडर्स की ज़िंदगी, जॉब के दौरान करना पड़ता है इतना कुछ

बेहद ही ज्यादा कठिन होती है चीयरलीडर्स की ज़िंदगी, जॉब के दौरान करना पड़ता है इतना कुछ

भारत में हमेशा से ही क्रिकेट का बड़ा ही क्रेज रहा है लेकिन आईपीएल (IPL) की शुरुआत के बाद से लोगो की दीवानगी और बढ़ गयी है। हर साल अप्रैल के महीने में इसकी शुरुआत हो जाती है और 2 महीने तक मैचों का दौर चलता है और लोग बड़े ही उत्साह से खेल देखने आते हैं। एक तो इसमें अपने मनपसंद खिलाड़ी को देखने का मौका मिलता है साथ ही साथ में दुनिया भर के बड़े-बड़े खिलाडियों के साथ में खेलते देखने का भी। आईपीएल की और बात भी है जो इसके ही बढाती है और वो है खिलाडियों के जोश को बढ़ाने वाली चीयरलीडर्स।

बेहद ही ज्यादा कठिन होती है चीयरलीडर्स की ज़िंदगी, जॉब के दौरान करना पड़ता है इतना कुछ

क्या है चीयरलीडर्स का जॉब

आईपीएल की शरुआत से चीरलीडर्स खेलों का हिस्सा रही हैं। चीरलीडर्स को देख कर खिलाडियों के साथ साथ दर्शको का भी उत्साह बढ़ जाता है। अगर आपको लगता है चीयरलीडिंग करने वाली लड़कियों की ज़िन्दगी बस ग्लैमर से भरपूर होती है तो आप गलत सोचते हैं। एक चीरलीडर को अपने काम भी बैनरहेन के लिए बहुत म्हणत भी करनी पड़ती है जिसके बारे में हम आपको बताते हैं।

1. कड़ी ट्रेनिंग : आपको बता दे कि चीयरलीडर्स को आईपीएल के दौरान तैयार रहने के लिए कभी-कभी रात भर प्रैक्टिस करनी पड़ती है। कई बार तो ऐसा होता है कि लगातार मैच होने के कारण उन्हें आराम का भी समय नहीं मिल पता है। दिन में एक मैच में चीयरलीडिंग करने के बाद रात को ही उन्हें अगले दिन होने वाले मैच के लिए भी तैयार होना पड़ता है।

बेहद ही ज्यादा कठिन होती है चीयरलीडर्स की ज़िंदगी, जॉब के दौरान करना पड़ता है इतना कुछ

2. अपने शरीर को रखती हैं फिट : चीयरलीडर को अपने काम के साथ-साथ अपनी सुंदरता का भी ध्यान रखना होता है। इसके लिए हर चीयरलीडर खान -पान पर ध्यान देती है और नियमित रूप से एक्सरसाइज भीकरती रहती हैं। उनके काम के लिए उनके शरीर का फिट रहना बेहद ही ज़रूरी है।

3. काम पैसो में ज़्यादा काम : आप सभी को लगता होगा की चीयरलीडर की ज़िन्दगी बहुत अच्छी होती होगी और पैसो की कोई कमी नहीं होती तो आप गलत सोचते हैं। एक चीयरलीडर को बहुत अच्छी सैलरी नहीं मिलती है हर महीने ज़्यादा से ज़्यादा 70 से 80 हज़ार रुपये मिलते हैं जिसमे की उनका काम चल जाता है।

4.  रिक्रूटिंग एजेंसी को देना होता है पैसा : चीयरलीडर्स को कई बार एजेंसियों के द्वारा भी रखा जाता है क्यूंकि बिना एजेंसी का सहारा लिए आईपीएल में काम मिलना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसी में चीयरलीडर्स को अपनी कमाई का कुछ एजेंसियों को भी देना पड़ता है।

5. आईपीएल का सीज़न न हो तो कम होती है कमाई : वैसे तो अब भारत में प्रो कब्बडी और इंडियन सुपर लीग जैसे कई टूर्नामेेंट्स होते हैं लेकिन चीयरलीडर्स के लिए आईपीएल ही कमाई करने का होता है।

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