कानपूर : 14 वर्षों बाद अपने बेटों से मिलकर फुट-फुट कर रो पड़ी बुजुर्ग मां
मां शब्द ही अपने आप में बहुत बड़ा है जिसके बिना दुनिया अधूरी सी लगती है। ममता की मूरत होती है मां जो आपको ना सिर्फ जन्म ही देती है बल्कि आपके जीवन को भी सवार देती है और अगर मां ही आपके जीवन से दूर हो जाएं तो मानो सब अस्त व्यस्त सा हो जाता है। आज हम आपको ऐसी ही मां के बारे में बताएंगे जिसने अपने परिवार को संभाला और बाद में वह ही खुद सहारे की मोहताज हो गयी। इस सत्तर साल की बुजुर्ग महिला की कहानी आपकी आँखों को नम कर देगी। सचेंडी पुलिस ने इस महिला को उसके परिवार से मिलाकर यह साबित कर दिया कि आज भी इंसानियत जिंदा है।
बता दें की इस महिला का नाम सीता देवी है जो प्रयागराज के धुरपुर चंपतपुर गांव निवासी हंसलाल सिंह की पत्नी हैं। सीता देवी साल 2006 में अपना परिवार छोड़कर अचानक लापता हो गयी थी जिसके चलते परिवार ने इसकी सुचना पुलिस को भी दी थी। सीता सिंह के तीन बेटे हैं, बड़ा बेटा संजीव कुमार सिंह और छोटा बेटा उदय सिंह दोनों ही अध्यापक हैं और मझला बेटा रोशन सिंह एक किराना व्यपारी है। सीता सिंह के बड़े बेटे संजय ने बताया कि ‘मां घर पर परिवार के साथ ही रह रही थीं, उनकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी। 14 वर्ष पहले एक दिन वह घर से अचानक कहीं लापता हो गई। काफी तलाश किया और पुलिस को भी सूचना दी लेकिन मां का कुछ पता नहीं चला।’
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दरअसल 70 वर्षीय यह बुजुर्ग मिला करीब एक सप्ताह से सचेंडी थाना क्षेत्र में ही भटक रही थी। बताया जा रहा है कि वह जगह-जगह भटकते-भटकते सचेंडी तक पहुंच गयी होंगी। जहां-जहां गयी होंगी वहां के स्थानीय लोग उन्हें खाने को कुछ देते रहे होंगे जिससे उनका अब तक गुजारा हो रहा होगा। महिला की हालत बिगड़ने पर लोगों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी जिसके चलते पुलिस ने जांच शुरू कर दी और महिला द्वारा बताई गयी धूरपुर जगह की तलाश में जुट गयी। पुलिस को धूरपुर की प्रयागराज में होनी की सुचना मिली जिसपर उन्होंने बुजुर्ग मिला की फोटो प्रयागराज पुलिस को भेजी जिसके बाद वहां की पुलिस महिला के परिवार तक पहुंच गयी।
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पुलिस ने उनके बेटों को मां के साथ की सभी तस्वीरें लाने को कहा जिसके बाद तीनों बेटे अपनी मां से मिलने पहुंचे और उन्होंने बुजुर्ग महिला की पहचान अपनी मां के रूप में की और मां ने भी अपने बेटे को पहचान लिया और उनसे लिपटकर फुट-फुट कर रोने लगी। पुलिस ने एक खोयी हुई मां को उनके बेटों से मिलवाकर उनके चेहरों पर मुस्कुराहट दी है। छोटे बेटे उदय ने बताया कि वह और संजय 14 साल बाद मां के मिलने की उम्मीद खो चुके थे। सभी लोग मां के दुनिया में न होने की बात करते थे लेकिन उनका दिल यह मानने को तैयार नहीं होता था। कुछ दिन पहले परिवार वाले मां की तेरहवीं करने की बात कह रहे थे और वह लोग भी निराश होकर तैयार हो गए थे।’ मां को सही सलामत देख वो बहुत खुश हैं।