बड़े काम के हैं ये आठ मंत्र, प्रतिदिन इनका जाप करने से हर इच्छा होगी पूरी
मंत्र अर्थात ऐसी ध्वनि जो मन को तारने वाली हो उसे मंत्र कहते है, हमारे धार्मिक शास्त्रों में बताया गया है की मंत्र जाप अपने आराध्य देवी देवता के मन तक पहुचने का एक मार्ग है, चंद शब्दों मेल किस तरह व्यक्ति के जीवन को परिवर्तित कर सकता है| ये बात वो लोग अच्छी तरह जानते हैं जो मंत्रों की ताकत देख चुके हैं। शास्त्रों के अनुसार माता लक्ष्मी के आठ स्वरुप है और यही आठ स्वरुप किसी भी व्यक्ति के जीवन की आधारशिला कहलाती है और अगर कोई व्यक्ति माता के इन्ही आठो स्वरुप की श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना करता है तो उसका जीवन खुशियों से भर जाता है। उसके जीवन की सारी विप्पतिया दूर हो जाती है, आज हम आपको माता लक्ष्मी के इन आठो स्वरुप को प्रसन्न करने के लिए आठ मंत्रो के विषय में बताएँगे।
ये हैं वो आठ मंत्र
श्री आदि लक्ष्मी मन्त्र
श्री आदि लक्ष्मी का मूल मन्त्र ॐ श्री है। शास्त्रों के अनुसार माँ लक्ष्मी का सबसे पहला अवतार जो ऋषि भृगु की बेटी के रूप में है वो श्री आदि लक्ष्मी का स्वरुप है।
श्री धान्य लक्ष्मी
श्री धान्य लक्ष्मी का मूल मंत्र ॐ श्रीं क्लीं है। धन और वैभव से परिपूर्ण करने वाली लक्ष्मी के रूप को धान्य लक्ष्मी कहा जाता है।
गज लक्ष्मी
गज लक्ष्मी का मूल मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं है। देवी लक्ष्मी का यह रूप प्रदान करने के लिए है और धन और समृद्धि की रक्षा करने के लिए है।
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संतान लक्ष्मी
संतान लक्ष्मी का मूल मंत्र ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं है। संतान लक्ष्मी का यह रूप बच्चो और अपने भक्तो को लम्बी उम्र देने के लिए है।
श्री धैर्य लक्ष्मी
श्री धैर्य लक्ष्मी का मूल मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं है। श्री धैर्य लक्ष्मी जीवन में आत्मबल और धैर्य को संबोधित करती और जीवन में कठिनाइयों पर काबू पाने के लिए, लड़ाई में वीरता पाने ले लिए शक्ति प्रदान करती है।
विद्या लक्ष्मी
विद्या लक्ष्मी का मूल मंत्र ॐ ऐं ॐ है। विद्या का मतलब शिक्षा के साथ साथ ज्ञान भी है ,माँ यह रूप हमें ज्ञान , कला, और विज्ञानं की शिक्षा प्रदान करती है जैंसा माँ सरस्वती देती है।
विजया लक्ष्मी
विजया लक्ष्मी का मूल मंत्र ॐ क्लीं ॐ है। विजया का मतलब है जीत। विजय लक्ष्मी जीत का प्रतीक है और उन्हें जाया लक्ष्मी भी कहा जाता है।
ऐश्वर्य लक्ष्मी
ऐश्वर्य लक्ष्मी का मूल मंत्र है दृ ॐ श्रीं श्रीं।। लक्ष्मी का ये स्वरुप जीवन में प्रणय, भोग और मान सम्मान पाने के लिए संबोधित करता है।