सावन में बन रहा है शिव आैर शनि का अदभुत संयोग, इस तरह अभिषेक करने से भोलेनाथ होते हैं प्रसन्न
28 जुलाई यानि कल से ही सावन महीने की शुरुआत हो गयी हैं| सावन का महिना शिव को बहुत प्रिय हैं| शनिवार का ये संयोग अत्यंत अशुभकारी माना जा रहा है क्योंकि शिव, शनिदेव के भी आराध्य है और उन्हें शिवांश भी कहा जाता है लेकिन ऐसा दुर्लभ संयोग कई सालो बाद बन रहा है। जिन लोगों के ऊपर शनिदेव की साढ़े साती का प्रकोप है वे रुद्राभिषेक करके कष्टों और इसके कठोर प्रभावों से राहत पा सकते हैं।
शनिदेव को दंड और न्याय के देवता माने जाते हैं तो वहीं शिव जी जो की उनके आराध्य हैं, को कल्याणकारी और सरलता पूर्वक प्रसन्न होने वाले भोलेनाथ कहे जाते हैं। ऐसे में यदि आप शनिदेव के प्रकोप से छुटकारा पाना चाहते है तो सावन महीने के शुरूआत में ही शिव की आराधना करे| इससे आपके ऊपर शिव जी कृपा दृष्टि बनी रहेगी|
रुद्राभिषेक और मंत्रों उच्चारण से करें पूजा
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जिन लोगों के ऊपर शनिदेव की कुदृष्टि का प्रभाव पड़ रहा है वे सावन के पहले ही दिन से शिव जी कि विधि -विधान पूर्वक पूजा प्रारंभ कर दें। शिव जी को प्रसन्न करने के लिए सावन महीने के पहले दिन ही रुद्राभिषेक करें| इसके साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करें। इसके अलावा आप शनि के बीज मंत्र का भी जाप कर सकते हैं।
ऐसे करे अभिषेक
हिन्दू धर्म के अनुसार सावन के महीने में शिव जी की आराधना करना उत्तम माना जाता है। पंडितों और ज्तोतिषोंचार्यों का मानना हैं कि सावन महीने के पूरे दिनों में शिव जी की भिन्न-भिन्न तरीके से अभिषेक करने से मनचाहा फल मिलता है| आप निम्न प्रकार से अभिषेक करे|
(1) मान्यता हैं की शिव जी पर दूध की धारा से अभिषेक करने से भक्तों की बुद्धि प्रखर होती है।
(2) ऐसा माना जाता हैं की शिव जी पर इत्र से अभिषेक करने पर भक्तों की काम, सुख व भोग की वृद्धि होती है।
(3) यदि भगवान भोलेनाथ पर शहद से अभिषेक किया जाए तो मनुष्य को टीबी रोग छुटकारा मिलता है।
(4) यदि गन्ने के रस से अभिषेक किया जाए तो इससे मनुष्य को आनंद की प्राप्ति होती है।
(5) गंगा जल को पवित्र माना जाता हैं| इसलिए भगवान शिव जी के ऊपर गंगा जल से अभिषेक किया जाए तो मनुष्य को सर्वसुख व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
(6) जो दंपति निःसंतान हैं उन्हें घृत से शिव जी पर अभिषेक करना चाहिए|