23 जुलाई को है देवशयनी एकादशी, इस दिन से नहीं होंगे किसी भी तरह के शुभ कार्य
देवशयनी एकादशी आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ता हैं| आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले एकादशी को ही देवशयनी एकादशी कहा जाता है| इस एकादशी को हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है| देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा व आराधना में व्रत किया जाता है| मान्यता हैं की इस दिन चावल से परहेज करना चाहिए|
इस साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी पड़ रही है| इस साल 23 जुलाई को यह त्योहार पड़ा रहा है| एक साल में 24 एकादशी पड़ती है लेकिन देवशयनी एकादशी का महत्व बहुत खास होता है| इस खास दिन में भगनाव विष्णु जी की पूजा-अर्चना की जाती है| हिंदू पचांग के मुताबिक इस दिन व्रत करना बेहद फलदायी होता है|
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पुण्यफल देने वाला व्रत आषाढ़ शुक्लपक्ष की देवशयनी एकादशी होती हैं| पुराणों के मुताबिक इस दिन से भगवान विष्णु अगले चार महीने के लिए शयन के लिए चले जाते हैं| इस दिन के बाद अगले चार महीनों तक शुभ कार्य, शादी ब्याह, मुंडन या कोई और भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता हैं| ऐसा कहा जाता है कि अब देव सो गए हैं और आने वाले नंवबर माह में देवउठनी एकादशी पर एक बार फिर से शुभ कार्य प्रारम्भ हो जाते हैं|
इस साल देवउठनी एकादशी 19 नवंबर 2018 सोमवार के दिन पड़ रही है| मान्यता हैं की इस दिन भगवान विष्णु अपनी निंद्रा से उठते हैं और एक बार फिर से शुभ कार्य प्रारम्भ किए जाते हैं| दिवाली के बाद ही देवउठानी एकादशी पड़ती है| इस दिन को चतुर्मास के नाम से भी जाना जाता है|