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ख़ास हेलमेट पहन कर जीने के लिए मजबूर है फातिमा घाजेवी, 20 साल से जूझ रही इस दुर्लभ बीमारी से

Youthtrend Health & Fitness Desk : आज के इस आधुनिक युग में ऐसी बीमारियां ईजाद हो चुकी हैं जिनका इलाज तो दूर उस बीमारी के बारें में कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं, वैसे इस समय बहुत सी ऐसी गंभीर बीमारियां हैं जैसेकि कैंसर, दिल की बीमारी इत्यादि। ऐसी ही एक बीमारी हैं जेरोडरमा पिगमेंटोसम, शायद आपने इस बीमारी के बारें में ना सुना हो, दरअसल ये बीमारी शरीर और चेहरे की त्वचा से जुड़ी होती हैं, आइए आज के लेख में हम आपकों इस गंभीर बीमारी के बारें में महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहें हैं।

क्या होती हैं जेरोडरमा पिगमेंटोसम बीमारी

इस बीमारी से पीड़ित रोगी के शरीर और चेहरे की त्वचा काफी ज्यादा संवेदनशील हो जाती हैं, इस बीमारी में रोगी की त्वचा सूर्य की रोशनी में आने पर एलर्जी होनी शुरू हो जाती हैं, चिकित्सक विशेषज्ञों के अनुसार इस बीमारी से पीड़ित लोगों को ये बीमारी ज्यादातर अनुवांशिक कारणों से होता हैं। जेरोडरमा पिगमेंटोसम से पीड़ित व्यक्ति जब सूर्य की रोशनी में बाहर निकलता हैं तो सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणें व्यक्ति की त्वचा, पलक और आंखों पर सबसे ज्यादा प्रभाव होता हैं।

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ये बीमारी एक दुर्लभ बीमारी हैं अगर इसके मामलों की बात की जाए तो यूरोप और अमेरिका में लगभग 10 लाख लोगों में से किसी एक को ये बीमारी होती हैं लेकिन अगर जापान की बात की जाए तो वहां के हर 22000 लोगों में 1 व्यक्ति इससे प्रभावित होता हैं, इसके अलावा अफ्रीका के कुछ क्षेत्र जैसे अल्जीरिया, मोरोक्को, लीबिया, मिस्र और ट्यूनीशिया में और मध्यपूर्व देशों जैसेकि इजरायल, सीरिया और तुर्की में इस बीमारी के मामलों में वृद्धि हुई हैं।

क्या हैं इसके लक्षण

जेरोडरमा पिगमेंटोसम से पीड़ित व्यक्ति को दिक्कत सूर्य से निकलने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों से होती हैं, इस बीमारी के लक्षण हर मरीज में अलग-अलग हो सकते हैं, इस बीमारी से पीड़ित रोगी को सूर्य की रोशनी में आते ही त्वचा जलने लगती हैं और ये परेशानी लंबे समय तक बनी रहती हैं। इस बीमारी में रोगी की त्वचा, आंखे और तांत्रिक तंत्र प्रभावित होती हैं।

क्या प्रभाव होता हैं इस बीमारी का

जेरोडरमा पिगमेंटोसम में आंखे हमेशा सुखी रहती हैं, देखने में दिक्कत उत्पन्न हो सकती हैं, आंखों का सफेद हिस्सा हमेशा सूजा हुआ रहता हैं, इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को अंधापन की शिकायत भी हो सकती हैं, जो लोग ज्यादा धूप में कार्य करते हैं अक्सर उन्हें इस बीमारी के होने का खतरा होता हैं।

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इस बीमारी का एक उदाहरण हैं मोरक्को में रहने वाली मोहम्मदिया जो फिलहाल 28 वर्ष की हैं, वो जेरोडरमा पिगमेंटोसम से पीड़ित हैं इसी वजह से वो सूर्य रोशनी में बाहर नहीं निकलती और अगर जाती भी हैं तो स्पेस हेलमेट पहन कर ही जाती हैं और लगभग पिछले 20 साल से वो ऐसे ही रह रही हैं।

किस तरह बचाव किया जा सकता हैं इस बीमारी से

जेरोडरमा पिगमेंटोसम के खतरे को कम करने के लिए आप अपनी जीवनशैली में बदलाव कीजिए, सूर्य की रोशनी में जाने से बचिए, अगर घर से बाहर निकलना जरूरी हो तो सनस्क्रीन लोशन लगा कर ही निकले और घर में किसी भी तरह की युवी लाइट्स का उपयोग ना करें।

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