जानें, इस पुलिस अफसर के बारे में जिसने नक्सलियों के हाथों में बंदूक की जगह थमाई किताबें
फिल्मी पर्दे पर तो हमे अक्सर ईमानदार और बहादुर पुलिस अफसर देखने को मिलते ही रहते हैं पर असल जिंदगी में बहुत ही कम ऐसे पुलिस अफसर देखने को मिलते हैं जो अपने फर्ज के आड़े कुछ नहीं आने देते। ऐसे ही एक जाबांज और ईमानदार पुलिस अफसर का नाम हैं IPS मधुकर शेट्टी, ये ऐसे पुलिस अधिकारी थे जिन्होंने कभी भी अपने कर्त्तव्य से मुंह नहीं मोड़ा, हालांकि वो अब हमारे बीच नहीं हैं पर उनकी दिलेरी, ईमानदारी आज भी अन्य पुलिस अधिकारियों के लिए एक मिसाल हैं।
आज हम आपको उसी बहादुर पुलिस ऑफिसर के बारें में बताने जा रहें हैं, खनन माफिया का भंडाफोड़ करना हो, बेईमान नेताओं की गिरफ्तारी हो या नक्सलियों को समझाना हो, इन्होंने हर काम बेहतरीन तरीके से किया था। चलिए जानते हैं ऐसे बहादुर के बारें में।
आखिर कौन हैं ये आईपीएस मधुकर शेट्टी?
मधुकर शेट्टी का जन्म 17 दिसंबर 1971 के दिन यडाडी गांव जो कर्नाटक जिले के उडुप्पी जिले में आता हैं, हुआ था इनके पिता जी रघुराम शेट्टी कन्नड़ भाषा के एक मशहूर पत्रकार थे जिनको दलितों और असहाय की आवाज माना जाता था। मधुकर शेट्टी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गृह नगर उडुप्पी में ली, उसके बाद वो दिल्ली चले गए जहां उन्होंने दिल्ली के ही जेएनयू (जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी) से साइकोलॉजी में M. A की पढ़ाई की और इसके साथ ही वो UPSC (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) की तैयारी में लग गए और अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने 1998 में ऑल इंडिया रैंक हासिल कर के UPSC परीक्षा क्लियर की।
अभी तो उनकी असली परीक्षा बाकी थी जब उन्हें राजस्व विभाग और पुलिस डिपार्टमेंट में से एक को चुनना था, जहां राजस्व विभाग में उन्हें आराम से नौकरी कर सकते थे तो वही पुलिस महकमें में आकर वो जन सेवा कर सकते थे और आखिरकार उन्होंने देश सेवा और जन सेवा को ही सर्वोपरि समझा और इंडियन पुलिस सर्विस के साथ जुड़ गए।
क्यों सुर्खियों में रहें थे मधुकर शेट्टी
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पुलिस अधिकारी बनने के बाद उन्होंने अलग-अलग पदों पर अपनी सेवाएं दी, आईपीएस मधुकर शेट्टी अपने निर्भीक फैसलों के लिए भी जाने जाते थे, वर्ष 2009 की बात हैं जब मधुकर शेट्टी एसपी (SP) के पद पर आसीन थे तो उस समय के लोकायुक्त जस्टिस संतोष हेगड़े ने सभी बेईमान और भ्रष्टाचारी नेताओं पर शिकंजा कसने के लिए एक पुलिस टीम का गठन किया जिसमें मधुकर शेट्टी को भी शामिल किया गया था। IPS मधुकर ने ही उस समय बेल्लारी अवैध खनन माफिया का भंडाफोड़ किया था और उन्होंने ही राज्य के पूर्व मंत्री कट्टा सुब्रमण्या नायडू, उनके बेटे जगदीश, एमएलए वाई संपनगी और जनार्धन रेड्डी को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की सलाखों के पीछे डाला था।
नक्सलवाद को कम करने के लिए भी किये थे कार्य
मधुकर शेट्टी की पोस्टिंग नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी होती थी, वैसे तो थोड़े-थोड़े दिनों में नक्सलियों और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ की बातें सुनने को मिलती रहती हैं लेकिन मधुकर शेट्टी का मानना था कि ये नक्सली कोई बाहर के देश से नहीं आए हैं बल्कि ये हमारें देश के ही नागरिक हैं जो शिक्षा के अभाव में भ्रमित हो गए हैं इसलिए इनको सही राह पर लाने के लिए इनका शिक्षित होना बेहद ही जरूरी हैं। स्वाइन फ्लू से पीड़ित होने के बाद 28 दिसंबर 2018 को ये महान पुलिस अधिकारी ये दुनिया छोड़ कर चला गया।