सेविंग्स अकाउंट पर ये सरकारी बैंक देते हैं सबसे बेहतर ब्याज दर
बैंक अकाउंट तो आक के समय में हर किसी के पास है और तो और अब तो छात्रों के भी बैंक अकाउंट होने लगे हैं क्योंकि सरकार द्वारा दी जा रही स्कालरशिप आदि सीधे उनके खाते में आती है जिसके लिए उनका बैंक खता हिना अनिवार्य है। आमतौर पर देखा जाता है कि ज्यादतर लोगों के महीने की तनख्वाह उनके सेविंग्स अकाउंट में ही आती है, सेविंग्स अकाउंट से ही ज्यादातर लोग अपने लोन्स भी भरते हैं लेकिन आपको ये भी पता होना चाहिए कि सेविंग्स अकाउंट पर फिक्स्ड डिपॉजिट या अन्य स्मॉल सेविंग स्कीम्स की तुलना में कम ब्यजा मिलता है।
बेशक बहुत से लोगों को पता भी होगा कि ऐसा क्यों होता है मगर बहुत से ऐसे लोग भी होंगे जिन्हें इसके पीछे की वजह नही पता होगी या शायद उन्होंने कभी जानने की कोशिश ही नहीं की होगी। खैर अगर पब्लिक सेक्टर बैंकों की बात करें तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि प्राइवेट सेक्टर बैंकों की तुलना में यह काफी ज्यादा कम होता है। मगर आपको एक बात और बताते चलें कि पब्लिक सेक्टर बैंकों के सेविंग अकाउंट में कम ब्याज दर मिलने के बावजूद इसके कई फायदे भी होते हैं।
प्राइवेट बैंकों की तुलना में क्या है सरकारी बैंकों में ब्याज दर?
सेविंग्स अकाउंट यानी कि बचत खाते की लोकप्रियता और इसकी उपयोगिता को देखते हुए यह जानना और समझा भी बेहद आवश्यक है कि आखिर कौन सा बैंक आपको ज्यादा दर से ब्याज दे रहा है। आइये डालते हैं एक नजर पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के ब्याज दरों पर।
बैंक बाजार द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, आईडीबीआई बैंक या पंजाब व सिंध बैंक में सेविंग्स अकाउंट पर ग्राहकों को क्रमश: 3.6 फीसदी और 3.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। इसके अलावा इंडियन ओवरसी बैंक में बचत खाते पर ब्याज की दर 3.10 फीसदी है। वहीँ दूसरी बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक में यह दर 3 फीसदी है। इसके अलावा अन्य पब्लिक सेक्टर बैंकों में बचत खातों पर 3.1 फीसदी की दर तक ब्याज मिल रहा है।
कई लोगों का ऐसा सोचना है कि प्राइवेट बैंक में सरकारी की अपेक्षा ज्यादा फायदे मिलते हैं मगर आपको बता दें कि कई प्राइवेट बैंकों से तुलना करें तो ये ब्याज दर बेहतर हैं। अब उदाहरण के तौर पर एचडीएफसी बैंक को ही ले लिजिए जहाँ आपको सेविंग्स अकाउंट पर केवल 3 फीसदी ब्याज मिलता है और इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक के सेविंग्स अकाउंट पर 3.5 फीसदी की दर से आपको ब्याज मिल रहा है।
हालाँकि यहाँ पर ध्यान देने वाली बात ये है कि बड़े सरकारी बैंकों में सेविंग्स अकाउंट पर ब्याज दर तुलनात्मक रूप से कादी कम है। जैसे भारतीय स्टेट बैंक जो कि का सबसे बड़ा बैंक है मगर इतनी बड़ी बैंकिंग इकाई होने के बावजूद यह अपने ग्राहकों को सेविंग्स अकाउंट पर मात्र 2.70 फीसदी की दर से ही ब्याज देती है. कुछ ऐसा ही हाल बैंक आफ बड़ौदा का अभी है जो भारत के शीर्ष बैंकिंग इकाई में गिना जाता है और यहाँ पर वह अपने ग्राहकों को बचत खाते पर 2.75 फीसदी की दर से ब्याज देता है।
मिनिमम बैलेंस रखने की लिमिट कम
हाँ यहाँ पर सरकारी बैंकों में ग्राहकों को एक लाभ जरुर मिलता है और वो हैं न्यूनतम राशि की, बताते चलें कि सरकारी बैंकों में औसत न्यूनतम बैलेंस रखने की अनिवार्यता केवल 250 रुपये से शुरू होती है। निश्चित रूप से प्राइवेट सेक्टर बैंकों की तुलना में यह काफी ज्यादा कम है। असल में, सरकारी बैंकों को केंद्र सरकार का समर्थन मिलता है और ये सभी बैंक मुख्यतः माध्यम और निम्न वर्ग के लोगों को अपनी सेवाएं उपलब्ध कराने पर ज्यादा केन्द्रित होते हैं।
वहीँ दूसरी तरफ प्राइवेट सेक्टर बैंक्स की बात की जाए तो एक्सिस और एचडीएफसी जैसे बैंकों में औसत न्यूनतम राशि रखने की सीमा 2,500 रुपये से शुरू होते हुए 10,000 रुपये तक है। वहीं आईसीआईसीआई बैंक में यह सीमा 1,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक की है। यानी कि आप कह सकते हैं कि सरकारी बैक अभी भी कई मामलों में प्राइवेट बैंकों की तुलना में बेहतर हैं क्योंकि देश में माध्यम और निम्न वर्ग के लोगों की संख्या ज्यादा है और सरकारी बैक उनके लिए बेहतर विकल्प हैं।
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